जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रकरण के आरोपी सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत मोखा के बेटे हरकरण की रिमांड समाप्त होने के बाद शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। वहीं सरबजीत मोखा से एसआईटी की पूछताछ जारी है। वहीं सरबजीत मोखा का मोबाइल एसआईटी नहीं जब्त कर पाई। मोखा का कहना है कि कोविड के दौरान उसका मोबाइल बंद हो गया था, इसी बीच पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मोबाइल कहां गया, यह उसे भी नहीं पता। वहीं मोखा के इस बयान पर हड़कम्प मचा हुआ है कि उसने नकली इंजेक्शन की जानकारी लगते ही अधिकारियों को जानकारी देते हुए मार्गदर्शन मांगा था। वहीं इस मामले में एएसपी रोहित काशवानी ने शुक्रवार को कहा कि मोखा ने ऐसी कोई सूचना पुलिस को नहीं दी थी।
आईपीएस रोहित काशवानी के मुताबिक मोखा ने पूछताछ में यह स्वीकार कर लिया है कि नकली इंजेक्शन आए और मरीजों को लगाए गए। इसके बाद उसे नष्ट भी किया गया। उससे कुछ और साक्ष्यों के बारे में पूछताछ की जा रही है। मोबाइल के बारे में भी पता लगाया जा रहा है। उसके मोबाइल की सीडीआर निकाली जा चुकी है।
अब ट्रांसफर वारंट पर आरोपियों को लाएगी पुलिस
गुजरात पुलिस द्वारा गिरफ्तार अधारताल आशा नगर निवासी सपन जैन, रीवा निवासी सुनील मिश्रा, नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली फार्म कंपनी के डायरेक्टर कौशल वोहरा व पुनीत शाह को अब ट्रांसफर वारंट पर जबलपुर लाया जाएगा। इसके लिए एसआईटी कोर्ट से ट्रांसफर वारंट जारी करा रही है। ये वारंट लेकर एक टीम आरोपियों को लेने गुजरात जाएगी। अभी इन आरोपियों को लाने के लिए प्रोडक्शन वारंट एसआईटी ने जारी कराए थे, लेकिन वहां की पुलिस आरोपियों को लेकर अब तक जबलपुर नहीं आई। गुजरात से इन आरोपियों के आने के बाद सरबजीत और उसके अस्पताल के दवा कर्मी देवेश चौरसिया का फिर से रिमांड लिया जा सकता है।
सच के लिए सीबीआई जांच जरूरी : कांग्रेस
उधर, कांग्रेस ने एक बार फिर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में सीबीआई जांच की मांग दोहराई है। कांग्रेस के नगर अध्यक्ष दिनेश यादव ने कहा कि उनकी पार्टी लगातार इस मामले को लेकर सवाल उठा रही है। मोखा का मोबाइल अभी तक कहां है? यह आज तक उजागर नहीं हो पाया है। मोबाइल और उसमें दर्ज अधिकारियों से बातचीत का सच सामने लाया जाना चाहिए। इस पूरे प्रकरण में सीबीआई जांच ही दूध का दूध और पानी का पानी कर सकती है।