लियर। कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक की सोशल मीडिया पर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को “लापता” बताने वाली वायरल पोस्ट पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि सिंधिया जी ने कोरोना काल में जो जनता की सेवा की है वो अनुकरणीय है। उधर कैबिनेट मंत्री के बयान के बाद विधायक प्रवीण पाठक ने फिर कुछ सवाल पूछे हैं उन्होंने कहा कि तीन महीने में केवल दो घंटे के लिए मुख्यमंत्री के प्रोटोकॉल के साथ ग्वालियर आना क्या वास्तविक में ग्वालियर वालों की मदद है?
सोशल मीडिया पर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को लापता बताने के बाद मध्यप्रदेश की राजनीति में उफान आ गया है।ग्वालियर दक्षिण विधानसभा से कांग्रेस के युवा विधायक प्रवीण पाठक की ट्विटर और फेसबुक पर सिंधिया को लापता बताने वाली वायरल पोस्ट के बाद भाजपा भी एक्शन मोड में आ गई। कांग्रेस विधायक के पोस्ट के बाद जब भोपाल में पत्रकारों ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने जवाब दिया कि कोरोना काल में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जो जनता की सेवा की है वो अनुकरणीय है। उन्होंने ऑक्सीजन दवाइयों की आपूर्ति करना में प्रदेश की मदद की। लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार उनसे संपर्क में रहे उन्हें जिस सुविधा की जरुरत थी वो उन्हें दिलवाई हैं मुझे लगता है कि केवल राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के चलते इस तरह की अनर्गल बातें करना शोभा नहीं देता।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के बयान के बाद कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि शिवराज सरकार के एक जिम्मेदार मंत्री को ये बयान देना पड़ रहा है कि कोरोना काल में सिंधिया जी ने सक्रिय रहकर ग्वालियर की मदद की। विधायक प्रवीण पाठक ने कहा कि मैं बहुत जिम्मेदारी से ये पूछना च्चता हूँ कि तीन महीनों में केवल दो घंटे के लिए ग्वालियर आना और वो भी मुख्यमंत्री के प्रोटोकॉल के साथ क्या ग्वालियर के लोगों की वास्तविक मदद है? जिन हजारों लोगों ने सरकार के कुप्रबंधन के कारण कोरोना में अपनी जान गंवाई उनमें से चंद कुछ लोगों से बात कर लेना क्या ग्वालियर के लोगों की वास्तविक मदद है? जो खुद को जनसेवक कहते है और ग्वालियर के साथ पूरे मध्यप्रदेश की सेवा करना चाहते हैं उन्हें ऐसे संकट के दिल्ली या विदेश की जगह क्या ग्वालियर में नहीं होना चाहिए ? इन सवालों के जवाब ग्वालियर की जनता जानना चाहती है।