राजगढ़। आज के दौर में जब लोग चिकित्सा विज्ञान के सहारे अपने जीवन को सुरक्षित रखने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं तब भी धर्म और आस्था के नाम पर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा होना निहायत नासमझी ही कहा जाएगा। ऐसा ही कुछ देखने मिला है मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिला में। यहां जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर ग्राम चाटूखेड़ा में अनलॉक के पहले ही दिन मंगलवार को अंधविश्वास दिखा। यहां कोरोना गाइडलाइन को दरकिनार कर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जुट गई।
प्रत्यक्षदर्शियों व ग्रामीणों के अनुसार मंगलवार को चाटूखेड़ा मंदिर परिसर में सुबह करीब 11-12 बजे गांव की दो महिलाओं के शरीर में कथित देव परियों के आने से बड़ी संख्या में वहां भीड़ जमा हो गई। देखते ही देखते सैकड़ों महिला-पुरुष मंदिर परिसर के बाहर इकट्ठे हो गए।
जानकारी के अनुसार इन परियों ने ग्रामीणों के ऊपर पानी छिड़क कर इन्हें मंदिर का जल पीने को कहा। ग्रामीणों से कहा- यह जल पी लो, किसी को कोरोना वायरस छू भी नहीं सकेगा। जिन्हें कोरोना है, वह ठीक हो जाएंगे। उन्हें दोबारा कभी नहीं होगा।
देखते ही देखते यह खबर कस्बे समेत आसपास के गांव में फैल गई। दोपहर को वहां भीड़ इकट्ठी हो गई। इसे लापरवाही कहें या अंधविश्वास, लेकिन भीड़ को देखते हुए लगता है, इन्हें कोरोना का कतई डर नहीं है। यहां लोगों ने जल पीने के दौरान न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया और ना ही भीड़ में मास्क लगाया।
इस खबर के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भी मंगलवार को देर शाम तक यहां स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन की टीम नहीं पहुंची। न ही अभी तक कार्रवाई की गई है।