
बीजिंग। चीन में शी जिनपिंग की जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ कई शहरों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यहां तक कि चीन की प्रतिष्ठित सिंघुआ और पीकिंग यूनिवर्सिटी के छात्रों ने दीवारों पर जिनपिंग सरकार के खिलाफ नारेबाजी उकेर अपना विरोध दर्ज कराया। बीजिंग में तो पुलिस की भारी मौजूदगी के बावजुद सैकड़ों लोगों ने कोरोना लॉकडाउन का विरोध करते हुए जिनपिंग के खिलाफ नारेबाजी की। यह तब है जब चीन में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रविवार को ही 40 हजार के लगभग कोविड-19 संक्रमण के मामले सामने आए। सख्त कोरोना लॉकडाउन के खिलाफ लोगों का गुस्सा चीन के उत्तर-पश्चिम प्रांत उरुमकी में हुए एक अग्निकांड में मारे गए लोगों के बाद फूट पड़ा है। नतीजतन समूह के समूह सड़कों पर उतर कोरोना लॉकडाउन समेत चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और शी जिनपिंग सरकार के खिलाफ विरोध प्रकट कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उरुमकी अग्निकांड में कोरोना लॉकडाउन की वजह से बचाव कार्य में रुकावट आई, जिसकी वजह से लोगों की झुलस कर मौत हो गई। इस खबर के आम होते ही विरोध प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हो गया।
यूनिवर्सिटियों तक पहुंची विरोध की आग
गौरतलब है कि चीन में विरोध प्रदर्शन की घटनाएं कम होती हैं, क्योंकि सरकार के निर्णयों या आदेशों के खिलाफ असहमति जताने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। हालांकि घटनाओं के एक दुर्लभ मोड़ में विभिन्न विश्वविद्यालय परिसरों से विरोध के वीडियो सामने आए हैं, जिसमें छात्र खुले में कड़े कोरोना लॉकडाउन का विरोध कर रहे हैं। बीजिंग के सिंघुआ विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्रों ने रविवार को एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। छात्रों ने कैंटीन के प्रवेश द्वार पर साइन बोर्ड लगा विरोध शुरू किया, जिसमें 200 से 300 के आसपास लोग शामिल हुए। सिर्फ सिंघुआ ही नहीं, चीन के पीकिंग विश्वविद्यालय की एक दीवार पर कोविड-विरोधी नारों को उकेरा गया था, जिसमें कुछ शब्द अक्टूबर में कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस से ठीक पहले बीजिंग पुल पर लटकाए गए एक बैनर पर लिखे गए शब्दों के समान थे।
जिनपिंग के खिलाफ भी नारेबाजी
चीन इस वक्त दुनिया की एकमात्र प्रमुख बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो जीरो कोविड रणनीति को सख्ती से लागू कर रही है। कोरोना संक्रमण के मामले सामने आते ही इलाके में तुरंत लॉकडाउन लगा दिया जाता है, क्वारंटाइन की लंबी अवधि है और व्यापक स्तर पर कोरोना परीक्षण शुरू कर दिए जाते हैं। ऐसे में सख्त लॉकडाउन के खिलाफ लोगों का गुस्सा मुखर होने लगा था, जिसे भड़काने का काम किया उरुमकी के अग्निकांड ने। चीन के सोशल मीडिया पर शेयर किए गए विरोध प्रदर्शन के वीडियो में आंदोलनकारियों को 'शी जिनपिंग सत्ता छोड़ो' जैसे नारे लगाते भी सुना जा सकता है। चीन में सत्ता प्रतिष्ठान के लिए इस तरह का विरोध-प्रदर्शन बेहद असामान्य घटना है। हालांकि प्रशासन ने सोशल मीडिया पर विरोध-प्रदर्शन से जुड़ी खबरों को हटा दिया है। इसके बावजूद जियान, ग्वांगझू, वुहान समेत बीजिंग, शंघाई, उरुमकी और शिनजियांग में विरोध प्रदर्शन की खबरे हैं। अपने आप में यह बहुत दुर्लभ घटनाएं हैं।
चीन इस वक्त दुनिया की एकमात्र प्रमुख बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो जीरो कोविड रणनीति को सख्ती से लागू कर रही है। कोरोना संक्रमण के मामले सामने आते ही इलाके में तुरंत लॉकडाउन लगा दिया जाता है, क्वारंटाइन की लंबी अवधि है और व्यापक स्तर पर कोरोना परीक्षण शुरू कर दिए जाते हैं। ऐसे में सख्त लॉकडाउन के खिलाफ लोगों का गुस्सा मुखर होने लगा था, जिसे भड़काने का काम किया उरुमकी के अग्निकांड ने। चीन के सोशल मीडिया पर शेयर किए गए विरोध प्रदर्शन के वीडियो में आंदोलनकारियों को 'शी जिनपिंग सत्ता छोड़ो' जैसे नारे लगाते भी सुना जा सकता है। चीन में सत्ता प्रतिष्ठान के लिए इस तरह का विरोध-प्रदर्शन बेहद असामान्य घटना है। हालांकि प्रशासन ने सोशल मीडिया पर विरोध-प्रदर्शन से जुड़ी खबरों को हटा दिया है। इसके बावजूद जियान, ग्वांगझू, वुहान समेत बीजिंग, शंघाई, उरुमकी और शिनजियांग में विरोध प्रदर्शन की खबरे हैं। अपने आप में यह बहुत दुर्लभ घटनाएं हैं।
कोरोना मामलों में फिर से आया उछाल
यह तब है जब चीन में रविवार को कोरोना संक्रमण के 40 हजार से अधिक नए मामले सामने आए हैं। संक्रमण के मामलों में उछाल के बाद जीरो कोविड पॉलिसी के तहत कई शहरों में लॉकडाउन समेत सख्त प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। शेनझेन में रेस्त्रां में लोगों की संख्या 50 फीसदी कर दी गई है। चीन में शनिवार को भी 35 हजार से अधिक संक्रमण के नए मामले सामने आए थे। आंकड़ों को देखते हुए कह सकते हैं कि विगत चार दिनों से चीन में कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यही नहीं, हालिया संक्रमण में उछाल के बीच कोरोना से मौतों के आधा दर्जन मामले भी सामने आए हैं। कोरोना संक्रमण ने बीजिंग में 4, हेनान और शिचुआन में एक-एक व्यक्ति की जान ले ली। सख्त लॉकडाउन से अकेले बीजिंग में 25 लाख से अधिक लोग अपने-अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं। ऐसे में उरुमकी ने लॉकडाउन के खिलाफ लोगों को सड़कों पर उतरने को मजबूर कर दिया है।