AAP-BJP आमने सामने, एक दूसरे पर पार्टियों ने लगाए गंभीर आरोप - Khabri Guru

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AAP-BJP आमने सामने, एक दूसरे पर पार्टियों ने लगाए गंभीर आरोप



दिल्ली के महापौर को चुनने के लिए नगर निगम (एमसीडी) सदन की बैठक सोमवार को आयोजित हो रही है। इससे पहले दो बार महापौर चुनने की नाकाम कोशिश की जा चुकी है। इस बैठक में महापौर और उपमहापौर को चुनने की प्रक्रिया होनी है। 250 सदस्यों वाले सदन में महापौर चुनने के लिए तीसरी बार बैठक बुलाई गई है।

संभावना है कि महापौर चुने जाने के लिए बुलाई गई बैठक में तीसरी बार भी जबरदस्त हंगामा हो सकता है। बता दें कि पिछली दो बार से बैठक में हंगामा होने के बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था। यहां सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया था। इस मामले पर आम आदमी पार्टी की महापौर उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ने अपनी याचिका वापस ली थी।

बैठक में लगाए खरीद फरोख्त के आरोप
इस बैठक को लेकर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य एक दूसरे पर लगातार आरोप लगा रहे है। इस संबंध में बीजेपी के पार्षद धर्मवीर का कहना है कि आम आदमी पार्टी के नेता सचिन शर्मा ने उनसे बातचीत की थी और उन्हें 2 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था, जिसे बाद में बढ़ा कर चार करोड़ रुपये किया गया था। बीजेपी के पार्षदों ने आम आदमी पार्टी पर खरीद फरोख्त करने का आरोप लगाया है।

वहीं बीजेपी ने आरोप लगाया है कि आप आदमी पार्टी के नेताओं ने बीजेपी के पार्षदों को कई तरह के प्रलोभन दिए है। आप पार्टी को नगर निगम में अपने नेतृत्व पर विश्वास नहीं है। पार्टी के नेता सिर्फ सत्ता हासिल करना चाहते है।

आप नेता आतिशी का जवाब
इस मामले पर आप नेता आतिशी ने कहा कि बीजेपी चुनाव हारने के बाद पीछे के दरवाजे से सत्ता हासिल करने की कोशिश करती है। कई राज्यों में पार्टी ये कर चुकी है। बीते दो महीनों से ऐसा ही बीजेपी दिल्ली नगर निगम में भी करना चाहती है। बीजेपी आप पर झूठे आरोप लगा रही है। दिल्ली की जनता की चुनी हुई पार्टी को सत्ता से हटाने में जुटी है। इसी बीच आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने प्रोटेम स्पीकर सत्या शर्मा को अपील की है कि मनोनित सदस्यों को वोटिंग करने के अधिकार ना दिए जाए।

पहले भी दो बैठकों में हुआ है हंगामा
बता दें कि महापौर चुनने के लिए तीसरी बार बैठक का आयोजन हो रहा है। मनोनित सदस्यों के वोटिंग राइट्स को लेकर सदन की बैठक में हंगामा हो सकता है। इससे पहले महापौर चुनने के लिए 6 जनवरी और 24 जनवरी को नगर निगम की बैठक के कारण हंगामा हुआ था। सभी पार्षदों ने 24 जनवरी को जोरदार हंगामे के बीच शपथ ली थी।

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