ठाकरे गुट की बढ़ी परेशानी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना को मिली मान्यता, अब उद्धव ने पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई - Khabri Guru

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ठाकरे गुट की बढ़ी परेशानी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना को मिली मान्यता, अब उद्धव ने पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई



निर्वाचन आयोग (ईसी) द्वारा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दे चुका है। इसम मामले में एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच लंबे समय से विवाद जारी था, जिस पर अब निर्वाचन आयोग ने लगाम लगा दी है। निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद शिवसेना ने धनुष और तीर को पार्टी का चिन्ह बनाया है। ये चिन्ह अब एकनाथ शिंदे गुट के पास ही रहेगा।

उद्धव ने बुलाई बैठक
निर्वाचन आयोग (ईसी) द्वारा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने के एक दिन बाद प्रतिद्वंद्वी खेमे के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भविष्य के कदम पर चर्चा करने के लिए अपनी पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों की शनिवार को बैठक बुलाई है। ठाकरे के एक सहयोगी ने कहा कि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेताओं, उप नेताओं, निर्वाचित प्रतिनिधियों और प्रवक्ताओं की बैठक दोपहर में उपनगरीय बांद्रा स्थित ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’में होगी। ठाकरे को बड़ा झटका देते हुए निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को ‘शिवसेना’ नाम और उसका चुनाव चिन्ह ‘धनुष और तीर’ आवंटित किया।

आयोग ने अपने आदेश में कहा कि शिंदे गुट का समर्थन करने वाले 40 विधायकों ने कुल 47,82,440 मतों में से 36,57,327 मत प्राप्त किए, जो 55 विजयी विधायकों के पक्ष में डाले गए मतों का लगभग 76 प्रतिशत है। यह 15 विधायकों द्वारा प्राप्त 11,25,113 मतों के मुकाबले था, जिनके समर्थन का दावा ठाकरे गुट द्वारा किया जाता है। ठाकरे ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग के फैसले को ‘लोकतंत्र के लिए खतरनाक’ करार दिया था और कहा था कि वह इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे, जबकि मुख्यमंत्री शिंदे ने इस घटनाक्रम को ‘सच्चाई और लोगों की जीत’ बताया।

दोनों गुटों में हुई भिड़ंत
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी गुट के समर्थक शुक्रवार शाम रत्नागिरी जिले के दापोली में शिवसेना कार्यालय को लेकर आपस में भिड़ गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। यह घटना निर्वाचन आयोग द्वारा पार्टी के शिंदे गुट को वास्तविक शिवसेना के रूप में मान्यता दिए जाने के कुछ घंटों बाद हुई। एक अधिकारी ने बताया कि शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं ने दापोली में शिवसेना की शाखा को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की, जिसके कारण झड़प हुई। उन्होंने बताया कि कुछ देर के लिए इलाके में तनाव व्याप्त हो गया लेकिन पुलिस ने स्थिति पर काबू पा लिया।

ये है चुनाव आयोग का फैसला
जानकारी के मुताबिक एकनाथ शिंदे को शिवसेना का नाम दिया गया है। इसके अलावा अब निशान भी एकनाथ शिंदे गुट के पास ही रहेगा। यानी जो लोग ये दावा करते नहीं थक रहे थे कि हमारा इस पर पुश्तैनी अधिकार है। हमारे बाप-दादाओं की संपत्ति हैं। हम इसके असली वारिस हैं। लेकिन निर्वाचन आयोग ने कहा कि पूरी प्रक्रिया को देखते हुए कहीं से ऐसा नहीं लग रहा। पार्टी में बीते दिनों हुई दो फाड़ के बीच ये साफ है कि उद्धव ठाकरे को किसी सूरत में अहमियत नहीं मिली है। हालांकि उद्धव गुट ने कहा कि उन्होंने काफी हड़बड़ी में चीजें जुटाई हैं इसलिए वो संख्याबल प्रदर्शित नहीं कर पाए। निर्वाचन आयोग ने सबूत और दस्तावेज को खंगालने और तर्क व दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला दिया।

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