कर्नाटक: Vande Bharat Express पर नहीं रूक रही पथराव की वारदात, जांच में जुटी RPF - Khabri Guru

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कर्नाटक: Vande Bharat Express पर नहीं रूक रही पथराव की वारदात, जांच में जुटी RPF




दक्षिण पश्चिम रेलवे ने रविवार को कहा कि मैसूर-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पर कर्नाटक में पथराव की एक घटना सामने आई है, जिसमें हाई-स्पीड ट्रेन के एक कोच की दो खिड़कियां क्षतिग्रस्त हो गईं। जानकारी के मुताबिक घटना शनिवार को कृष्णराजपुरम - बेंगलुरु छावनी रेलवे स्टेशनों के बीच हुई है।

गनीमत रही की इस घटना में किसी व्यक्ति के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। इस की जानकारी रेलवे अधिकारियों ने दी है। दक्षिण पश्चिम रेलवे मंडल में लगातार हो रही पथराव की घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए अधिकारियों ने कहा, "अक्सर रेलवे स्टेशनों पर पथराव की घटनाएं हो रही हैं। इन घटनाओं के संबंध में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने जनवरी 2023 में पथराव के 21 मामले और फरवरी 2023 में 13 मामले दर्ज किए हैं।"

जानकारी के मुताबिक लोट्टेगोल्लाहल्ली - कोडिगेहल्ली, बय्यप्पनहल्ली - चन्नासंद्रा, चन्नासांद्रा-येलहंका, चिक्कबनावर - यशवंतपुर खंडों और कृष्णराजपुरम, बैयप्पनहल्ली, तुमकुरु, बनासवाड़ी, कार्मेलाराम और बेंगलुरु छावनी क्षेत्रों के पास दर्ज की गई घटनाओं के आधार पर मामले दर्ज किए गए हैं।" ये भी बताया गया है कि हमलों में सार्वजनिक संपत्ति और यात्रियों दोनों को पथराव से हुए नुकसान भी हुआ है। इसमें कहा गया है, "ट्रेनों पर पथराव से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचता है। इससे ट्रेन में यात्रियों को चोट लगती है, जो कभी-कभी जानलेवा भी होती है।"

अपराधियों को हो सजा
अधिकारियों ने बताया कि "ट्रेनों पर पथराव करना एक गैर-जमानती अपराध है। रेलवे अधिनियम की धारा 152 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी ट्रेन पर पत्थर फेंकता है और इस तरह के कृत्य से ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा को खतरा होने की संभावना है, तो वह दंडनीय अपराध है। आजीवन कारावास या दस साल तक की कैद की सजा का भी प्रावधान है।

"सतर्कता बढ़ाने के अलावा, आरपीएफ द्वारा ऐसी घटनाओं के स्थानों के साथ-साथ स्कूलों, गांवों आदि को कवर करने वाले आस-पास के क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि बदमाश ऐसे कृत्यों से दूर रहें जो सुरक्षा को खतरे में डालते हैं।" रेलवे भी स्टेशनों, प्रतीक्षालयों और सार्वजनिक संपर्क के अन्य रेलवे क्षेत्रों में संदेशों के प्रदर्शन और घोषणाओं के माध्यम से इस संबंध में जनता को संवेदनशील बनाना जरूरी है।

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