एक और Kashmiri Pandit Target Killing का शिकार, LG Manoj Sinha ने सुरक्षा बलों को दी आतंकियों से निबटने की खुली छूट - Khabri Guru

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एक और Kashmiri Pandit Target Killing का शिकार, LG Manoj Sinha ने सुरक्षा बलों को दी आतंकियों से निबटने की खुली छूट



जम्मू-कश्मीर में इस साल कश्मीरी पंडित की पहली टार्गेट किलिंग हुई है जिसके विरोध में कश्मीरी पंडितों समेत स्थानीय जनता ने भी अपनी आवाज बुलंद की है। कश्मीरी पंडित तो पिछले साल से ही मांग कर रहे हैं कि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाये। अब रविवार को पुलवामा जिले में कश्मीरी पंडित समुदाय के संजय शर्मा की जिस तरह गोली मारकर हत्या की गयी, उस घटना से कश्मीरी पंडितों का आक्रोश और बढ़ गया है। हम आपको बता दें कि एक एटीएम के सुरक्षा गार्ड के तौर पर काम करने वाले संजय शर्मा पर दक्षिण कश्मीर स्थित पुलवामा जिले के अचन इलाके में बाजार जाते समय गोली चलाई गई, जो उनके सीने में लगी। राहगीर उन्हें एक अस्पताल ले गये, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि यह हमला संजय शर्मा के आवास से महज 100 मीटर की दूरी पर किया गया। उनके सहकर्मियों ने कहा कि कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों पर पूर्व में हुए हमलों के बाद से वह रात की ड्यूटी पर नहीं जा रहे थे। संभवतः इसलिए उन पर दिन में हमला किया गया।

इस बीच, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और राजनीतिक दलों के नेताओं ने हत्या की निंदा की है। मनोज सिन्हा ने कहा कि उनके प्रशासन ने आतंकवादियों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को खुली छूट दी है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी संवेदना है। प्रशासन को आतंकवादियों से निपटने के लिए खुली छूट दी गई है और हम आतंकवाद की इस तरह की हरकतों का मुकाबला करना जारी रखेंगे।’’

दूसरी ओर, कश्मीर जोन की पुलिस ने कहा, ‘‘आतंकवादियों ने पुलवामा में अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एवं अचन इलाके के निवासी काशीनाथ शर्मा के बेटे संजय शर्मा पर उस वक्त गोली चलाई, जब वह स्थानीय बाजार जा रहे थे।’’ पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी), दक्षिण कश्मीर क्षेत्र, रईस भट्ट ने कहा कि यह एक सुनियोजित हमला था। उन्होंने बताया कि घटना वाले गांव में सशस्त्र बलों को तैनात किया गया है।

हम आपको बता दें कि इस साल कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य पर हुआ यह पहला हमला है। पिछले साल, आतंकवादियों ने नागरिकों पर करीब 30 हमले किये थे, जिनमें तीन कश्मीरी पंडित, राजस्थान से एक बैंक प्रबंधक, जम्मू की एक शिक्षिका और आठ बाहरी श्रमिक सहित 18 लोग मारे गये थे।

हम आपको यह भी बता दें कि इस घटना के विरोध में जम्मू में भारतीय जनता युवा मोर्चा ने बड़ा प्रदर्शन किया तो कश्मीर घाटी में स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर की शांति को बिगाड़ने का प्रयास है।

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