इस वर्ष होलिका दहन 7 मार्च तथा रंगोत्सव 8 मार्च मनाया जाना शास्त्रों की दृष्टि से उचित है। हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की पूर्णिमा को होली का पर्व आता है। इस दो दिवसीय पर्व में एक दिन होलिका दहन किया जाता है। दूसरे दिन होली खेली जाती है। इसके साथ ही फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी सोमवार 27 फरवरी से होलाष्टक आरंभ हो जाएंगे। इनका समापन आठ दिन बाद पूर्णिमा के दिन यानि होली पर होगा।
धर्म ग्रंथों के अनुसार होलिका दहन हर साल फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि में भद्रा रहित प्रदोष काल में होता है। इस साल होलिका दहन 06 मार्च को है या 07 मार्च को? इस पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है क्योंकि इस साल फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि 06 मार्च को दोपहर 4 बजे से प्रारम्भ होकर 07 मार्च को शाम 5:42 में समाप्त हो रही है। जनमानस में पूर्णिमा तिथि के कारण होलिका दहन की तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।06 मार्च को पूर्णिमा तिथि तो लग रही है, लेकिन उसके साथ ही भद्रा भी लग जा रही है। ऐसे में आप होलिका दहन नहीं कर सकते हैं। 06 मार्च को लगी भद्रा 07 मार्च को सुबह 05 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी। उसके बाद ही होलिका दहन किया जा सकेगा। ऐसे में इस साल होलिका दहन 07 मार्च को किया जाना शास्त्र सम्मत है।
होलिका दहन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त
7 मार्च 2023 को सायं 6.14 बजे से 8.48 बजे तक है।
08 मार्च को है रंगोत्सव
होलिका दहन के अगले दिन 08 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन पूरे देश में लोग एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर शुभकामनाएं और बधाई देंगे।
भारतीय समय अनुसार पूर्णिमा तिथि का मान सूर्यास्त के समय प्राप्त हो रहा है अतः धर्म सिंधु, निर्णय सिंधु के अनुसार 7 मार्च को ही होलिका दहन होगा।
- पं. सौरभ दुबे
ज्योतिषचार्य