शुभेंदु को बैठक में बुलाने से ममता भड़कीं, पीएम का 30 मिनट इंतजार कराने वाले अधिकारी को केन्द्र ने वापिस बुलाया - Khabri Guru

Breaking

शुभेंदु को बैठक में बुलाने से ममता भड़कीं, पीएम का 30 मिनट इंतजार कराने वाले अधिकारी को केन्द्र ने वापिस बुलाया


कोलकाता। पश्चिम बंगाल में यास तूफान से हुए नुकसान से राहत के लिए प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक में ममता बनर्जी आधा घंटे विलम्ब से से पहुंचीं। बताया गया है कि वे इस बैठक में शुभेंदु अधिकारी को बुलाने से नाराज थीं तथा बैठक में रषामिल न होने के संकेत पहले ही दे चुकी थीं। चुनाव के वक्त से शुरू हुई केंद्र और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तनातनी अब तक जारी है। उन्होंने पहले ही कहा था कि यदि शुभेंदु अधिकारी बैठक में शामिल हो रहे हैं तो उनका जाना मुश्किल है। सूत्रों के अनुसार, ममता और चीफ सेक्रेटरी एक ही परिसर में होने के बावजूद बैठक के लिए 30 मिनट की देरी से पहुंचे। देर रात केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के चीफ सेक्रेटरी अलापन बंद्योपाध्याय को वापस बुला लिया। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग ने इसका आदेश कर राज्य सरकार से गुजारिश की है कि उन्हें तुरंत रिलीव किया जाए। अलापन बंद्योपाध्याय को 31 मई सुबह 10 बजे तक डीओपी, दिल्ली रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।
बाद में ममता ने कहा कि पीएम ने मीटिंग बुलाई थी। हमें नहीं पता था कि दीघा में मेरी मुलाकात थी। मैं कलाईकुंडा गई और प्रधानमंत्री को रिपोर्ट दी। साथ ही दीघा और सुंदरबन के विकास के लिए 10 और 20 हजार करोड़ रुपए की मांग की। मैंने उनसे कहा कि राज्य के अधिकारी मुझसे मिलना चाहते हैं। मैंने उनकी अनुमति ली और चली आई।

मोदी और ममता के बीच 15 मिनट मुलाकात
इस दौरान ममता ने पीएम मोदी से मुलाकात कर तूफान से हुए नुकसान की प्राइमरी रिपोर्ट सौंपी। दोनों नेताओं के बीच करीब 15 मिनट बात हुई। यह मुलाकात पश्चिमी मेदिनीपुर जिले में कलाईकुंडा में हुई। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को राज्य की स्थिति और तूफान से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों के बारे में जानकारी दी है। ममता खुद भी शनिवार को प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे करेंगी।


एक हजार करोड़ का राहत पैकेज
केंद्र सरकार ने प्रभावित लोगों के लिए एक हजार करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया है। इनमें तुरंत राहत के लिए 500 करोड़ ओडिशा को और 500 करोड़ रुपए बंगाल-झारखंड को दिए जाएंगे। यह रकम नुकसान के आधार पर दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने तीनों राज्यों को भरोसा दिया कि केंद्र सरकार इस मुश्किल वक्त में हर संभव मदद करेगी।

ओडिशा की तारीफ, बंगाल का जिक्र भी नहीं
केंद्र प्रभावित राज्यों में नुकसान का जायजा लेने के लिए एक इंटर मिनिस्ट्रियल टीम भेजेगा। साथ ही तूफान से तबाह हुए बुनियादी ढांचे को दोबारा तैयार करने में भी मदद करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा सरकार की ओर से तूफान से निपटने के लिए की गई तैयारियों की तारीफ की, जिससे कम से कम जानमाल का नुकसान हुआ है। हालांकि, उन्होंने बंगाल का जिक्र नहीं किया।

दोनों राज्यों में 21 लाख से ज्यादा प्रभावित
बंगाल और ओडिशा में तूफान की वजह से 21 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। बारिश और घरों के टूटने की वजह से 4 लोगों की मौत हो गई। इनमें 3 ओडिशा और एक बंगाल से है। पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा, शंकरपुर, मंदारमनी दक्षिण 24 परगना जिले के बाद बकखाली, संदेशखाली, सागर, फ्रेजरगंज, सुंदरबन आदि जगहों से लेकर पूरे बंगाल में 3 लाख लोगों के घर इस तूफान से उजड़ गए। 134 बांध टूट गए, जिन्हें ठीक करवाया जा रहा है।


दीदी का बर्ताव दुर्भाग्यपूर्ण

गृहमंत्री अमित शाह
ने कहा कि आज का ममता दीदी का बर्ताव दुर्भाग्यपूर्ण है। चक्रवात यास ने कई लोगों को प्रभावित किया है और उनकी मदद करना समय की मांग है। दुख की बात है कि दीदी ने अहंकार को जनकल्याण से ऊपर रखा है। आज का संकीर्ण व्यवहार यही दिखाता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि आपदा काल में बंगाल की जनता को सहायता देने के भाव से आए हुए प्रधानमंत्री के साथ इस प्रकार का व्यवहार पीड़ादायक है। जन सेवा के संकल्प और संवैधानिक कर्तव्य से ऊपर राजनैतिक मतभेदों को रखने का यह एक दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है।

BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं। ममता जी को भी लोगों के कल्याण के लिए अपना अहंकार अलग रखना चाहिए। प्रधानमंत्री की बैठक से उनकी गैरमौजूदगी संविधान के चरित्र और सहकारी संघवाद की संस्कृति की हत्या है।

पेज