एफसीआई बाबू के घर 3 करोड़ नकद सहित जेवरात और नोट गिनने की मशीन मिली - Khabri Guru

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एफसीआई बाबू के घर 3 करोड़ नकद सहित जेवरात और नोट गिनने की मशीन मिली


 भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एफसीआई के एक बाबू के घर को अधिकारियों ने अपनी काली कमाई का ठिकाना बना रखा था। सीबीआई द्वारा मारे गए छापे में बाबू के घर से 3 करोड़ रुपए, 670 ग्राम चांदी और 387 ग्राम सोना मिला है। जमीन के कई दस्तावेज भी घर से मिले हैं। एक बैंक खाते में 1 करोड़ की राशि जमा होने की बात भी सामने आई है। काली कमाई की आवक इतनी थी कि सीबीआई को नोट गिनने की मशीन भी मिली है।

एफसीआई के क्लर्क किशोर मीणा को सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने एफसीआई के तीन अधिकारियों के साथ शुक्रवार को सिक्योरिटी एजेंसी से रिश्वत मांगने और लेने के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद शनिवार सुबह से ही सीबीआई ने चारों के घर की तलाशी लेना शुरू किया। क्लर्क किशोर मीणा के छोला स्थित आवास की तलाशी में मिले कैश और सोने को देखकर अफसर भी हैरान हैं। माना जा रहा है तीनों अधिकारी अपनी काली कमाई इस क्लर्क के घर में ही छिपाकर रखते थे।

सीबीआई को तीन अधिकारियों के घर पर छापे के दौरान कुछ नहीं मिला, लेकिन सीबीआई को किशोर मीणा के घर की तलाशी में एक बड़ा लॉकर और नोट गिनने की मशीन भी मिली है। लॉकर में पैसे, सोना और चांदी रखी हुई थी। सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि एफसीआई के अधिकारी रिश्वत की रकम को क्लर्क के घर पर रखते थे।

सीबीआई अधिकारियों को एक डायरी भी मिली है। इस डायरी में अलग-अलग डेट पर रकम किस से कब ली गई है, उसका पूरा रिकॉर्ड दर्ज है। बताया जाता है कि इसमें उन कंपनियों से ली गई रिश्वत और एफसीआई के अफसरों के नाम हैं। सीबीआई आरोपियों को कोर्ट में पेश करेगी।

ऐसे हुए थे गिरफ्तार
सीबीआई ने शुक्रवार को सिक्योरिटी एजेंसी का 11 लाख रुपए का बिल पास करने के लिए एक लाख की रिश्वत लेते एफसीआई के चार अफसरों को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो अफसरों को रंगे हाथों पकड़ा। जबकि एक संभागीय मैनेजर और क्लर्क को बाद में गिरफ्तार किया गया है।

जानकारी के मुताबिक एफसीआई में गुड़गांव की एक सिक्योरिटी कंपनी कैप्टन कपूर एंड संस का ठेका है। जिसका साल का 11 लाख रुपए का बिल बनता है। एफसीआई के डिवीजनल मैनेजर हर्ष हिनायना, अकाउंट मैनेजर अरुण श्रीवास्तव और सिक्योरिटी मैनेजर मोहन पराते 10 प्रतिशत कमीशन मांग रहे थे। बाद में यह तय हुआ कि पुराने बिल का 50 हजार और नए बिल के 70 हजार रुपए देने होंगे।

इस संबंध में सिक्योरिटी कंपनी ने सीबीआई में शिकायत की थी। शुक्रवार को योजनाबद्ध तरीके से अकाउंट मैनेजर अरुण और सिक्योरिटी मैनेजर मोहन को माता मंदिर कमीशन की राशि देने बुलाया था। यहां जैसे ही उन्होंने एक लाख रुपए लिए वैसे ही सीबीआई की टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया। उन्होंने टीम को बताया कि यह राशि वह संभागीय मैनेजर के इशारे पर लेने आए थे तो उन्हें फोन कराया गया। हर्ष हिनायना ने बताया कि रकम क्लर्क के पास पहुंचा दो। इसके बाद सीबीआई ने संभागीय मैनेजर और क्लर्क को भी गिरफ्तार कर लिया है।

2 जून तक रिमांड पर लिया
एफसीआई के तीनों मैनेजर और क्लर्क को सीबीआई ने शनिवार को विशेष न्यायालय में पेश किया। यहां से इन्हें 2 जून तक पुलिस रिमांड पर लिया है। इस दौरान चारों से पूछताछ की जाएगी। इसके बाद और भी खुलासे हो सकते हैं।

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