
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर के हैलट अस्पताल में बड़ा फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। अस्पताल में मुर्दों के नाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन जारी कर दिए गये हैं। अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने कोविड मरीजों की मौत के बाद भी उन्हें लगाने के लिए स्टोर से रेमडेसिविर निकलवा लिये। फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया है। कोरोना की दूसरी लहर में इंजेक्शन, बेड, दवाओं और चिकित्सकीय उपकरणों की कालाबाजारी के लगातार मामले मिल रहे हैं।
कानपुर के सरकारी अस्पताल हैलट के नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों की मिलीभगत का एक बड़ा घोटाला हुआ है। अस्पताल में मुर्दों के नाम पर नर्सिंग स्टाफ ने रेमडेसिविर इंजेक्शन जारी करवाये हैं । रेमडेसिविर को बाजार में महंगे दाम पर बेचे जाने की आशंका जताई जा रही है।
कालाबाजारी और फर्जीवाड़े की आशंका के बीच मुख्यमंत्री योगी ने संज्ञान लिया है। खुद हैलट हॉस्पिटल के प्रिंसिपल से रिपोर्ट मांगी गई है। वहीं अब हैलट प्रशासन में हड़कंप मच गया है। फर्जीवाड़े की जांच के लिए सीएमएस, नोडल और प्रिंसिपल की टीम बनाई गई है। यह टीम जांच रिपोर्ट शासन को भेजेगी।
कालाबाजारी और फर्जीवाड़े की आशंका के बीच मुख्यमंत्री योगी ने संज्ञान लिया है। खुद हैलट हॉस्पिटल के प्रिंसिपल से रिपोर्ट मांगी गई है। वहीं अब हैलट प्रशासन में हड़कंप मच गया है। फर्जीवाड़े की जांच के लिए सीएमएस, नोडल और प्रिंसिपल की टीम बनाई गई है। यह टीम जांच रिपोर्ट शासन को भेजेगी।