
भगवान विष्णु-लक्ष्मी के साथ पीपल और तुलसी पूजा
अपरा एकादशी पर किए गए पूजन पाठ से हर तरह की परेशानियां दूर हो सकती हैं। इस दिन व्रत और उपवास करने की परंपरा है। धर्मग्रंथों के जानकार पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र का कहना है कि कुछ लोग शारीरिक तकलीफ की वजह से व्रत-उपवास नहीं कर पाते हैं। उनके लिए ग्रंथों में बताया गया है कि व्रत न रख पाएं तो भगवान विष्णु-लक्ष्मी के साथ पीपल और तुलसी की पूजा करने से भी व्रत-उपवास रखने जितना पुण्य मिलता है।
पूजा और व्रत के साथ दान की परंपरा भी
इस व्रत के दौरान सुबह- शाम भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। इस एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा, व्रत और दान करने की परंपरा है। ऐसा करने से कई गुना पुण्य मिलता है। इस दिन नियम और संयम से रहना चाहिए। इस व्रत का पूरा फल पाने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।
क्या-क्या करें एकादशी पर
एकादशी की सुबह पीपल और तुलसी को जल चढ़ाएं। पीपल की परिक्रमा करें। शाम को तुलसी के पास घी का दीपक लगाएं और तुलसी की परिक्रमा करें। भगवान विष्णु को खीर, पीले फल या पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इस दिन दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल भरकर उससे भगवान विष्णु का अभिषेक करना चाहिए। किसी मंदिर में जाकर गेहूं या चावल का दान करें। भगवान विष्णु को पीले वस्त्र और तुलसी की माला चढ़ाएं।
एकादशी क्या-क्या न करें
एकादशी व्रत रखने वाले को अन्न नहीं खाना चाहिए। इस दिन घर के किसी भी व्यक्ति को चावल भी नहीं खाना चाहिए। चावल से बनी चीजों को भी खाने से बचना चाहिए। गुस्सा नहीं करना चाहिए। घर में या बाहर किसी भी तरह के झगड़े और क्लेश से बचना चाहिए। वरना व्रत का फल नहीं मिल पाता है। सुबह देर तक न सोएं। किसी भी तरह का नशा न करें। व्रत करने वाले को झूठ और गलत कामों से भी बचना चाहिए।