रायसेन में अदभुत नज़ारा! आसमान में दिखा ॐ का प्रतिबिंब - Khabri Guru

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रायसेन में अदभुत नज़ारा! आसमान में दिखा ॐ का प्रतिबिंब


रायसेन। कभी-कभी अनायास ऐसी घटना घट जाती है जो लोगों को इस बात पर सोचने के लिए मजबूर कर देती है कि भले ही विश्वास न करें लेकिन चमत्कार तो होता है। ऐसी ही घटना कुछ दिन पहले मध्यप्रदेश के रायसेन में हुई। रायसेन के प्राचीन दुर्ग पर ॐ कार का एक अद्भुत प्रतिब‍िंब नजर आया। रायसेन की ऊंची पहाड़ी पर स्थित पुराना दुर्ग पर 28 मई को एक अद्भुत नजारा दिखा। जब सीएम शिवराज सिंह चौहान रायसेन के स्थानीय दशहरा मैदान पर अपने हेलि‍कॉप्टर से उतरे थे, उसी समय रायसेन के एक जर्नलिस्ट ने यह फोटो ली। इस तस्वीर में रायसेन के प्राचीन किले की प्राचीर पर ॐ कार का प्रतिबिंब नजर आया।

सोशल मीडिया पर जब इस तस्वीर को पोस्ट किया गया तो देखते ही देखते ये तेज़ी से वायरल होने लगी। इसके साथ ही दशकों से बंद पड़े सोमेश्वर धाम शिव मंदिर को खोले जाने की मांग भी लोगों ने कर दी। इस संबंध में पूर्व कैब‍िनेट मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार के पुत्र युवा नेता मुद‍ित शेजवार बताया कि रायसेन में जब शिवराज सिंह चौहान आए थे तब हमारे यहां के फोटो जर्नलिस्ट्स के द्वारा यह फोटो ली गई थी जिसमें ओमकार का प्रतिबिंब नजर आया। 

मुदित शेजवार ने आगे बताया कि रायसेन पहाड़ी पर बने किले में स्थित सोमेश्वर धाम मंदिर बहुत प्राचीन और पुरातत्व काल का है। इस मंदिर में जो शिवलिंग है वो भी पुरातत्व की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस मंदिर में हुए कुछ विवादों और पुरातत्व विभाग के तकनीकी कारणों की वजहों से इस मंदिर को काफी लंबे वक्त से बंद रखा गया था। पुराने वक्त में आन्दोलन किए गए जिसके फलस्वरूप शिवरात्रि के दिन सिर्फ एक दिन के लिए इस मंदिर के ताले लोगों के लिए खोल दिए जाते हैं।

बरसों पहले से बंद पड़े इस मंदिर के कपाटों को खोलने के संबंध में पूछे गए सवाल पर मुद‍ित का कहना है कि यह मांग लम्बे समय से की जा रही है, जिस पर शासन को ध्यान देना चाहिए। आपको बता दें कि रायसेन के लोग कई बार सोमेश्वर धाम के मंदिर को रोजाना खोले जाने की मांग कर चुके हैं मगर शहरवासियों की यह मांग हमेशा पुरातत्व विभाग के आधीन रायसेन किला होने के कारण ठंडे बस्ते में ही चली जाती है। सोमेश्वर धाम शिव मंदिर की पूजा अर्चना करने के लिए साल में एक दिन महाशिवरात्रि के महापर्व पर ही खुलता है। यह परंपरा भी सन 1974 में रायसेन वासियों के आंदोलन करने के बाद तात्कालीन सरकार के झुकने पर शुरू की गई थी।

बताया जाता है पुरातत्व विभाग के अधीन आने पर विभाग ने इस मंदिर को बंद कर दिया था। 1974 में नगर के लोगों ने इकठ्ठा होकर मंदिर खोलने और यहां स्थित शिवलिंग की प्राणप्रतिष्ठा के लिए आंदोलन भी किया। तब तत्कालीन सीएम प्रकाशचंद्र सेठी ने महाशिवरात्रि पर खुद आकर शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा कराई गई। तब से हर महाशिवरात्रि पर मंदिर के ताले श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाते हैं और यहां बहुत बड़ा मेला भी लगता है। वहीं एक दरगाह हैं जो हिन्दू मुस्लिम एकता की गंगा जमुना तहज़ीब को दर्शाता हैं।




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