
गडकरी को जैसे ही अपनी गलती का एहसास हुआ उन्होंने संभलते हुए कहा कि हवा से ऑक्सीजन बनाने की तकनीक है। कोविड में अनुभव हुआ कि किसी को 3 से 4 लीटर तो किसी को 3 मिनट में 20 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है। ऐसे में सभी जिलों को ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होना होगा।
हमने अभी जियाेलाइट 350 टन रूस से इंपोर्ट किया है। आगे हम इस मामले में आत्मनिर्भर हों, इसका प्रयास करना होगा। हमारे रोड कंस्ट्रक्शन कांट्रैक्टर ने नैनी में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की सोची, यह समाज के लिए हितकारी है। कार्यक्रम में यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, सिद्धार्थनाथ सिंह और महेंद्र नाथ सिंह भी उपस्थित रहे।
50 बेड के अस्पताल में मेंडेटरी होगा ऑक्सीजन प्लांट
गडकरी ने कहा- मैंने केशव प्रसाद (डिप्टी सीएम) , सिद्धार्थनाथ सिंह (योगी सरकार में मंत्री) व महेंद्र सिंह से कहा कि प्रदेश में जितने भी 50 बेड वाले अस्पताल हैं, उनमें ऑक्सीजन प्लांट अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए। सरकार इस पर जल्द नियम लाए।
तीसरी और चौथी वेव की तैयारी अभी से करें
गडकरी ने कहा कि हमें तीसरी और चौथी वेव की तैयारी अभी से करनी होगी। उन्होंने 'थिंक फाॅर द बेस्ट, प्रिपेयर फार द वर्स्ट' का मूलमंत्र दिया। गडकरी ने महाराष्ट्र का उदाहरण दिया कि किस तरह उन्होंने बड़े कॉम्प्लेक्स व खाली जगह में वैक्सीनेशन शुरू कराया। वरिष्ठ नागरिकों को गाड़ी में ही वैक्सीन लगवाने और उन्हें पानी की बोतल और फूल देने की परंपरा शुरू की।
बताई नई परिभाषा
गडकरी ने दरिद्र नारायण की सेवा को ही जीवन का मूल उद्देश्य बताया और राजनीति, धर्मनीति और लोकनीति की नई परिभाषा दी। दलितों, दरिद्र नारायण को भगवान मानकर सेवा करते रहें। पंडित दीन दयाल उपाध्याय का भी यही ध्येय था।
गडकरी ने दरिद्र नारायण की सेवा को ही जीवन का मूल उद्देश्य बताया और राजनीति, धर्मनीति और लोकनीति की नई परिभाषा दी। दलितों, दरिद्र नारायण को भगवान मानकर सेवा करते रहें। पंडित दीन दयाल उपाध्याय का भी यही ध्येय था।