को गिरफ्तार किया है। आरोपी एटीएम में पेंचकस और चिमटी फंसकर ट्रांजेक्शन फेल कर रकम निकाल लेते थे। बताया गया है कि वे काफी समय से ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कई राज्यों में इसी तरह चोरी करने की बात कबूली है।
पुलिस के अनुसार संजीवनीनगर थाना में 02 जून की रात कालीमठ के पास आमनपुर निवासी महेन्द्र बाथरे ने बताया कि वह 01 जून की सुवह वह एवं उसका दोस्त विजय साहू गुलौआ तालाब के पास टहल रहे थे। उसी दौरान उसके मोबाइल पर एटीएम मेक एनसीआर में फाल्ट होने के लगातार मैसेज आने लगे तो उसे संदेह हुआ कि उक्त एटीएम पर कुछ गड़बड़ हो रहा है। तब वह एवं विजय साहू गुलौआ चौक स्थित एसबीआई के एटीएम में लाबी के अंदर गये तो देखा कि एक व्यक्ति पेंचकस और एक चिमटी जैसा औजार डालकर रूपये निकाल रहा था। उसे देखकर वह व्यक्ति भाग गया। जबकि बाहर कार में बैठे 2 अन्य व्यक्ति भी गाड़ी स्टार्ट कर भाग गया। घटना की सूचना तत्काल थाना संजीवनी नगर में देते हुये उसने अपने मैनेजर अजीत कुमार दुबे को सूचना दी। मानीटरिंग टीम से आनलाईन फुटेज मंगवाया इसके बाद उसने तथा मैनेजर ने अपने एटीएम मे केश लोडिंग एजेन्सी के दीपक रावत एवं आडिटर अंकुर भारद्वाज को बुलवाकर एटीएम मशीन चैक करवाया तो जिसमे 77 हजार रूपये कम पाये गये। इसके बाद अपने क्षेत्राधिकार के समस्त एटीएम चैक कराये गये, जिसमें गढ़ा बजार स्थित एटीएम मे भी 10 हजार रूपये कम मिले।
आरोपियों की तलाश के लिए गठित पुलिस टीमों के द्वारा तत्काल घेराबंदी करते हुये महेन्द्र बाथरे के बताये हुलिये के युवक को घेराबंदी कर पकड़ा गया। जिसने पूछताछ पर अपना नाम विजय यादव उम्र निवासी ग्राम सरसी पोस्ट देवसढ़ जिला कानपुर उ.प्र. बताया। आरोपी ने स्वीकार किया उसने और उसके साथियों ने गढ़ा क्षेत्र के एटीएम से हजार सहित कटनी के एटीएम से हजार रुपये निकाआरोपियों के पास से नकद 65 हजार रुपये बरामद हुए हैं।
यह तरीका अपनाते थे
पूछताछ पर तीनों आरोपियेां ने स्वीकार किया कि एनसीआर कम्पनी की एटीएम मशीन में पेचकस एवं चिमटी फसाना आसान होता है इसलिये पिछले लगभग 3 वर्ष से एनसीआर कम्पनी की एटीएम को चिन्हित कर वारदात केेओ अंजाम देेतेे थेे। एटीएम मेंं कार्ड फंसा कर ट्रांजिक्सन के दौरान रुपये विड्राल होने के पहले जहाँ से पैसा निकलता है वहाँ पर पेंचकस एवं स्टील की साबड़ (स्टील की पतली चिमटी) फंसा देते है, जिस कारण ट्रांजक्शन की लिंक टूट जाती है। जिससे एकाउंट से तो पैसे कट जाते है लेकिन एटीएम से रूपए निकलना शो नही होता है। बााद मेंं रुपये चिमटी और पेचकश की सहायता से एटीएम से बाहर खींच लेते है, और बैंक एकाउंट से कटे हुए पैसे के लिए बैंक को कस्टमर केयर के माध्यम से क्लेम कर उक्त पैसा एकाउंट में रिफंड करा लेते हये जिससे एकाउंट का मेन बैलेंस ज्यो का त्यों रहता है। उन्होंने बताया कि चोरी के लिए एक एटीएम का प्रयोग 2-3 बार करते हैं इसके बाद एटीएम बदल लेते हैं। इस हेतु अपने आसपास रहने वाले दोस्त, रिश्तेदार एवं गरीब मजदूरो को 500-1000 रूपए देकर उनका एटीएम ले लेते है और घटना को अंजाम देते है।
पहली बार पकड़े गए आरोपियों ने अभी तक की पूछताछ पर अलग-अलग राज्य दिल्ली, गुजरात, हरियाणा ,महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, पं.बंगाल एवं मध्यप्रदेश में घटना कारित करना स्वीकार किया है। सम्बंधित राज्यों को उपरोक्त आरोपियों के पकडे जाने के सम्बंध में सूचित किया जा रहा है।
विवेचना के दौरान आरोपियों से जप्त एटीएम एवं बैंक अकाउण्ट की जानकारी प्राप्त की गयी तो विजय यादव के तीन अलग-अलग अकाउंट से 2018 से क्रमशः एक अकाउंट से लगभग 33 लाख, दूसरे से लगभग 12 लाख एवं तीसरे अकाउंट से लगभग 96 हजार रूपए कुल लगभग 45 लाख 96 हजार रुपये का लेनदेन का ब्यौरा मिला है।
विवेचना के दौरान आरोपियों से जप्त एटीएम एवं बैंक अकाउण्ट की जानकारी प्राप्त की गयी तो विजय यादव के तीन अलग-अलग अकाउंट से 2018 से क्रमशः एक अकाउंट से लगभग 33 लाख, दूसरे से लगभग 12 लाख एवं तीसरे अकाउंट से लगभग 96 हजार रूपए कुल लगभग 45 लाख 96 हजार रुपये का लेनदेन का ब्यौरा मिला है।