जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल असंवैधानिक : हाईकोर्ट - Khabri Guru

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जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल असंवैधानिक : हाईकोर्ट


जबलपुर। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर्स द्वारा की जा रही हड़ताल को मप्र हाईकोर्ट ने असंवैधानिक करार दे दिया है। इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि यदि जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल समाप्त नहीं करते हैं तो उन पर नियमानुसार कार्यवाही की जाए। 
अपनी मांगों को लेकर सोमवार से हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टरों के इस कदम पर हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है। जानकारी के अनुसार हाइकोर्ट ने वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अनुचित पाया है। जिसके चलते जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को असंवैधानिक बताते हुए नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। 
वहीं हड़ताली जूनियर डॉक्टर्स को सबक सिखाने के लिए नेताजी सुभाष चंद्र मेडिकल कॉलेज ने दूसरे जिलों से डॉक्टरों की सेवाएं लेने की तैयारी कर ली थी। इसके लिए मेडिकल कॉलेज डीन प्रदीप कसार ने जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों से बात कर डॉक्टरों को जबलपुर बुलाने की कार्ययोजना भी तैयार कर ली थी। इसके अलावा जूडा की हड़ताल से काम प्रभावित होते देख सीनियर डॉक्टर और अन्य स्टाफ व्यवस्थाओं के साथ मेडिकल कॉलेज में मोर्चा संभाला जा रहा है।

गौरतलब है कि प्रदेशभर के साथ-साथ जबलपुर मेडिकल कॉलेज में पदस्थ जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर है। लिहाजा नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के सभी जूनियर डॉक्टर्स ने कोविड-19 वार्ड और म्यूकर फंगस वार्ड में मंगलवार से सेवाएं देना बंद कर दिया है। जूनियर डॉक्टर्स की माने तो सरकार को उन्होंने पहले ही चेतावनी दी थी कि उनकी मांगों को पूरा कर दिया जाए लेकिन सरकार ने इसको लेकर अपनी ओर से कोई गंभीरता नहीं दिखाई है। यही वजह है कि जहां इमरजेंसी सहित जनरल ओपीडी में कार्य का बहिष्कार किया गया था तो वहीं कोविड-19 और ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों के वार्ड में सेवाओं का बहिष्कार किया गया है। वहीं सरकार द्वारा किसी तरह की कार्यवाही किये जाने पर जूनियर डॉक्टर्स ने पहले ही प्रदेश भर में सामूहिक स्तीफा देने की घोषणा की थी। 

जूडा हड़ताल से मरीज परेशान
जूनियर डॉक्टर्स के हड़ताल पर जाने से मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से बेपटरी हो गई है। जिसका सीधा खामियाजा अस्पताल में भर्ती मरीज और पहुंचने वाले लोगों को उठाना पड़ रहा है। हालांकि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि मरीजों को परेशानी ना आए उसके लिए सीनियर डॉक्टर सीनियर रेजिडेंट जूनियर रेजिडेंट के साथ मेडिकल ऑफिसर को ड्यूटी में तैनात किया गया है। जिनकी संख्या लगभग 250 से अधिक है। इसके साथ ही और अधिक आवश्यकता होने पर जिला अस्पताल सहित आसपास के सभी अन्य डॉक्टर्स कि ड्यूटी भी हालात को देखते हुए लगाई जाएगी।

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