जबलपुर। बीते चार दिनों से हो रही बारिश ने नर्मदा का जलस्तर बढ़ा दिया है। हालात यह हैं कि विष्व प्रसिद्ध धुआंधार जल प्रपात अब धीरे-धीरे नर्मदा में ही विलीन होने लगा है। नर्मदा का जल स्तर बढ़ने के कारण प्रशासन ने पर्यटकों को भेड़ाघाट स्थित धुआंधार वाॅटर फाल के नजदीक जाने पर रोक लगा दी है। साथ ही प्रदेष के कई झरनों व वाॅटर फाल के भी कमोवेश यही हालात हैं।
मंडला व डिण्डौरी जिलों में हो रही बारिष ने नर्मदा का जलस्तर काफी बढ़ा दिया है। नर्मदा के सभी तटों पर पानी बढ़ने के कारण प्रशासन नजर रखे है। भेड़ाघट मे बड़ी संख्या में पर्यटक धुआंधार जलप्रपात का नजारा देखने पहुंचते हैं लेकिन अब वे ऐसा नहीं कर सकेंगे। जलप्रपात में कई मीटर नीचे गिरने वाला पानी का स्तर अब लगभग एक बराबर हो गया है। प्रशासन ने वाॅटर फाल के आसपास पर्यटकों की सुरक्षा के लिए लगी लोहे की जालियां हटा ली हैं। साथ ही वाटर फॉल के आसपास जाने पर रोक ला दी है। खास तौर पर न्यू भेड़ाघाट वाले हिस्से में नजर रखी जा रही है। प्रशासन का मानना है कि यहां सुरक्षा के इंतजाम कम होने की वजह से पर्यटक खतरनाक हिस्सों में पहुंच जाते हैं। जिसकी वजह से अक्सर दुर्घटनाएं होने की खबर भी आती हैं।
प्रदेश में कई स्पाॅट पर लगी रोक
चार-पांच दिनों से मध्यप्रदेश में बारिश का दौर जारी है। इसी के चलते पर्यटन स्थल भी गुलजार हो गए हैं। जंगलों में झरने भी फूट पड़े हैं। इन झरनों से पानी ऐसे बह रहा है, जैसे दूध की धारा बह रही हो। इन झरनों की खूबसूरती को निहारने के लिए पर्यटक उमड़ रहे हैं। इंदौर का पातालपानी हो या छतरपुर का जटाशंकर फॉल, पन्ना का फॉल हो या पचमढ़ी का वॉटर फॉल सभी जगह पर्यटक इन झरनों की सुंदरता देखने जा रहे हैं। इन सभी जगहों पर बारिश के दौरान बढ़ते खतरे के कारण सैलानियों को नजदीक जाने से रोका जा रहा है।
