आजाद को पद्म भूषण मिलने से कपिल सिब्बल खुश नहीं ? कहा- विडंबना है कि कांग्रेस को आजाद की सेवाओं की जरूरत नहीं - Khabri Guru

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आजाद को पद्म भूषण मिलने से कपिल सिब्बल खुश नहीं ? कहा- विडंबना है कि कांग्रेस को आजाद की सेवाओं की जरूरत नहीं



नई दिल्ली। पार्टी में सांगठनिक सुधार चाहने वाले वरिष्ठ नेता और 23 के समूह के सदस्य कपिल सिब्बल ने कहा है कि यह विडंबना है कि जब देश उनके योगदान को पहचानता है तो कांग्रेस को गुलाम नबी आजाद की सेवाओं की आवश्यकता नहीं होती है। यह वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को इस साल के पद्म पुरस्कारों के लिए चुने जाने के बाद आया है। कपिल सिब्बल ने कहा, "गुलाम नबी आजाद ने पदम भूषण से सम्मानित किया। बधाई भाईजान। विडंबना यह है कि कांग्रेस को उनकी सेवाओं की आवश्यकता नहीं है जब राष्ट्र सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को मान्यता देता है।"

आजाद पर सिब्बल ने कसा कटाक्ष
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने की घोषणा को लेकर बुधवार को अपनी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह विडंबना है कि कांग्रेस को आजाद की सेवाओं की जरूरत नहीं है, जबकि राष्ट्र उनके योगदान को स्वीकार कर रहा है। सरकार की ओर से मंगलवार को पद्म सम्मानों की घोषणा की गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद को सार्वजनिक मामलों में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण से नवाजा जाएगा।

'बधाई हो भाईजान' कहा कपिल ने 
सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘‘गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। बधाई हो भाईजान। यह विडंबना है कि कांग्रेस को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है जबकि राष्ट्र सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को स्वीकार करता है।’’ आजाद और सिब्बल दोनों कांग्रेस के उस ‘जी 23’ का हिस्सा हैं जिसने साल 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में आमूल-चूल परिवर्तन और जमीन पर सक्रिय संगठन की मांग की थी।

जयराम रमेश ने भी आजाद पर किया कटाक्ष
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी आजाद को बधाई दी। बहरहाल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को आजाद पर कटाक्ष किया। रमेश ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की ओर से पद्म भूषण सम्मान को अस्वीकार किए जाने को लेकर आजाद पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, ‘‘यही सही चीज थी करने के लिए। वह आजाद रहना चाहते हैं गुलाम नहीं।

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