हामिद अंसारी ने फिर कहा- भारत में बढ़ी असहिष्‍णुता, आईएसआई से जुड़ी संस्‍था के कार्यक्रम में दिया विवादित बयान - Khabri Guru

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हामिद अंसारी ने फिर कहा- भारत में बढ़ी असहिष्‍णुता, आईएसआई से जुड़ी संस्‍था के कार्यक्रम में दिया विवादित बयान


नई दिल्ली। भारत के पूर्व उपराष्‍ट्रपति हामिद अंसारी का एक और बयान विवादों में आ गया है। पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ी संस्‍था के एक कार्यक्रम में हामिद अंसारी ने भारत के लोकतंत्र की आलोचना की और चेतावनी दी है कि देश अपने संवैधानिक मूल्‍यों से दूर जा रहा है। हामिद अंसारी ने गणतंत्र दिवस पर इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल की ओर से आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में यह विवादित बयान दिया। उन्‍होंने हिंदू राष्‍ट्रवाद के उभार को लेकर चिंता जताई। 26 जनवरी के मौके पर वर्चुअल कार्यक्रम में अभिनेत्री स्वरा भास्कर भी शामिल हुई और इसी तरह का बयान दिया। 

देश में अशांति एवं असुरक्षा को बढ़ावा
भारत से डिजिटल तरीके से इस चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी ने भी हिंदू राष्ट्रवाद की बढ़ती प्रवृत्ति पर अपनी चिंता व्यक्त की। अंसारी ने आरोप लगाया, ‘‘हाल के वर्षों में हमने उन प्रवृत्तियों और प्रथाओं के उद्भव का अनुभव किया है, जो नागरिक राष्ट्रवाद के सुस्थापित सिद्धांत को लेकर विवाद खड़ा करती हैं और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की एक नई एवं काल्पनिक प्रवृति को बढ़ावा देती हैं। वह नागरिकों को उनके धर्म के आधार पर अलग करना चाहती हैं, असहिष्णुता को हवा देती हैं और अशांति एवं असुरक्षा को बढ़ावा देती हैं।’’

बीजेपी ने हामिद अंसारी पर किया पलटवार
पूर्व उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि ऐसे ट्रेंड्स को राजनीतिक और कानूनी रूप से चुनौती द‍िए जाने की जरूरत है। उधर, हामिद अंसारी के इस बयान पर बीजेपी नेता और अल्‍पसंख्‍यक मामलों के मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने पलटवार किया है। नकवी ने कहा कि मोदी की आलोचना करने का पागलपन अब भारत की आलोचना करने की साजिश में बदल गया है। उन्‍होंने कहा, 'जो लोग अल्‍पसंख्‍यकों के वोट का शोषण करते थे, वे अब देश के सकारात्‍मक माहौल से चिंतित हैं। बिहार सरकार में उद्योग मंत्री और बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने पूर्व उपराष्ट्रपति डॉक्टर हामिद अंसारी को निशाने पर लिया है। शाहनवाज हुसैन ने आरोप लगाया है कि हामिद अंसारी भड़काऊ बयानबाजी कर रहे हैं। हामिद अंसारी के बयान को पूरा देश नकार रही है।

इस कार्यक्रम का आयोजन 17 अमेरिकी संगठनों ने कराया था जिसमें भारतीय अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल भी शामिल है। इस समूह को त्रिपुरा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए अपने शपथपत्र में आरोप लगाया था कि उसके आईएसआई और अन्‍य उग्रवादी गुटों के साथ लिंक हैं। उधर, काउंसिल ने त्रिपुरा सरकार के इस दावे को खारिज किया था और कहा था कि वे एक अमेरिकी नागरिक अधिकार संगठन हैं।

अमेरिकी सांसदों ने भी की भारत की आलोचना
चर्चा में तीन अमेरिकी सांसदों जिम मैकगवर्न, एंडी लेविन और जेमी रस्किन ने भी हिस्सा लिया। रस्किन ने कहा, ‘भारत में धार्मिक अधिनायकवाद और भेदभाव के मुद्दे पर बहुत सारी समस्याएं हैं। इसलिए हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत हर किसी के लिए धार्मिक स्वतंत्रता, स्वतंत्रता, बहुलवाद, सहिष्णुता और असहमति का सम्मान करने की राह पर बना रहे।’

लेविन ने कहा, ‘अफसोस की बात है कि आज दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र पतन, मानवाधिकारों का हनन और धार्मिक राष्ट्रवाद को उभरते देख रहा है। 2014 के बाद से भारत लोकतंत्र सूचकांक में 27 से गिरकर 53 पर आ गया है और ‘फ्रीडम हाउस’ ने भारत को ‘स्वतंत्र’ से ‘आंशिक रूप से स्वतंत्र’ श्रेणी में डाल दिया है।’ सीनेटर एड मार्के ने कहा, ‘एक ऐसा माहौल बना है, जहां भेदभाव और हिंसा जड़ पकड़ सकती है। हाल के वर्षों में हमने ऑनलाइन नफरत भरे भाषणों और नफरती कृत्यों में वृद्धि देखी है। इनमें मस्जिदों में तोड़फोड़, गिरजाघरों को जलाना और सांप्रदायिक हिंसा भी शामिल है।’

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