नीमच। मुस्लिम युवक ने एक शानदार मिसाल पेश की है. यहां जैन संत की समाधि के लिए युवक ने अपनी जमीन को दान दे दी। जमीन दान देने वाले युवक का नाम अशरफ मेव हैं। जमीन की कीमत चुकाने उनके पास जैन समाज के लोग आए भी थे लेकिन अशरफ मेव गुड्डू ने राशि लेने से इनकार कर दिया। साथ ही कहा कि यह भूमि मेरी तरफ से दान है। इससे बड़ा पुण्य का काम नहीं हो सकता है। विनयांजलि कार्यक्रम में भूमि दान करने वाले मुस्लिम युवक अशरफ मेव को सम्मानित भी किया गया है।
दरअसल नीमच जिले के सिंगोली कस्बे में जैन संत श्री शान्तिसागर जी महाराज का देहावसान हो गया था। जिसके बाद समाज की रीति नीति के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया जाना था। दिशाशूल होने के कारण जिस जगह को समाधि के लिए चयन किया गया वह सिंगोली के पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष मुस्लिम युवक अशरफ मेंव की थी।
जैन समाज के लोग लाखों रुपए का ऑफर लेकर करीब रात 2:30 बजे अशरफ मेव की जमीन खरीदने के लिए उनके घर पहुंचे थे। मगर अशरफ मेव यह कहकर पैसों का ऑफर ठुकरा दिया कि यह अल्लाह का आदेश है कि जैन संत की समाधि मेरी जमीन पर ही बने तो इसके लिए आपको जितनी जगह जहां चाहिए ले लीजिए। रात को ही समाधि स्थल बनाने की जगह पर समाजजनों के साथ पहुंचे और आवश्यक जमीन दान में दे दी।
इसके बाद अशरफ मेव कि हर जगह सराहना होने लगी बड़े-बड़े राजनेताओं और समाजसेवियों के आश्रम में उनके पास फोन आने लगे और उनके इस नेक काम की सभी ने प्रशंसा की जिसमें दिग्विजय सिंह से लेकर कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा और तमाम लोग शामिल हैं। वहीं रविवार को मध्य प्रदेश सरकार में सूक्ष्म लघु उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने अशरफ मेव का जैन समाज जनों की मौजूदगी में अभिनंदन किया और इस नेक कार्य की तारीफ की साथ ही इसे कौमी एकता की मिसाल बताया।