
पणजी। गोवा में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारा गर्माता जा रहा है। इसी बीच केजरीवाल ने अमित शाह पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अमित शाह जी ने कहा था कि यह लोग आते हैं और फ्री-फ्री करते हैं। ऐसे में मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उन्हें दिल्ली वाले घर के लिए सरकार से कितने यूनिट बिजली फ्री मिलती है ? अमित शाह को बिजली फ्री मिले तो तकलीफ नहीं है और जनता को मिले तो उन्हें मिर्ची लगती है। केजरीवाल ने पूछा कि यह पैसा किसका है। जनता का पैसा है। जनता के पैसे से अमित शाह को फ्री बिजली मिलनी चाहिए लेकिन जनता के पैसे से जनता को फ्री बिजली नहीं मिलनी चाहिए। यह कैसा लॉजिक है।
उम्मीदवारों से लिए शपथ पत्र
इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पार्टी उम्मीदवारों से शपथ पत्र पर साइन कराया। उन्होंने कहा कि किसी भी पार्टी के टिकट से नेता चुनाव लड़ते है और फिर जीतने के बाद पार्टी बदल लेते हैं। ये मतदाताओं के साथ धोखा है। इसलिए हम आज एक शपथ पत्र साइन कर रहे हैं जिसमें ये कहा गया है कि हम जीतने के बाद किसी दूसरी पार्टी में नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस शपथ पत्र की कॉपी जनता तक भी पहुंचाई जाएगी। इसमें ये भी लिखा होगा कि अगर जीतने के बाद हम अपनी पार्टी बदलें और काम न करें तो आप हम पर एफआईआर कर सकते हैं। आम आदमी पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदार अमित पालेकर ने पार्टी के सभी उम्मीदवारों के साथ शपथ पत्र पर साइन किए।
उन्होंने कहा कि गोवा के भीतर अगर ईमानदार सरकार चाहिए तो आम आदमी पार्टी ही एकमात्र विकल्प है। उन्होंने कहा कि गोवा के भीतर आज दो ही विकल्प हैं- आम आदमी पार्टी और भाजपा। अगर आप आम आदमी पार्टी को वोट नहीं करोगे तो दूसरी पार्टी वाला भाजपा में ही जाएगा और हमने यह देखा है। इस बार भाजपा ने बड़ा शातिर तरीका अपनाया है। उन्होंने अपने बहुत से उम्मीदवारों को कांग्रेस में शामिल करा दिया और वह कांग्रेस की टिकट पर लड़ रहे हैं ताकि उन्हें कैथोलिक वोट मिल जाए और जो भी जीतेगा वह भाजपा में शामिल हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि गोवा के भीतर अगर ईमानदार सरकार चाहिए तो आम आदमी पार्टी ही एकमात्र विकल्प है। उन्होंने कहा कि गोवा के भीतर आज दो ही विकल्प हैं- आम आदमी पार्टी और भाजपा। अगर आप आम आदमी पार्टी को वोट नहीं करोगे तो दूसरी पार्टी वाला भाजपा में ही जाएगा और हमने यह देखा है। इस बार भाजपा ने बड़ा शातिर तरीका अपनाया है। उन्होंने अपने बहुत से उम्मीदवारों को कांग्रेस में शामिल करा दिया और वह कांग्रेस की टिकट पर लड़ रहे हैं ताकि उन्हें कैथोलिक वोट मिल जाए और जो भी जीतेगा वह भाजपा में शामिल हो जाएगा।