जबलपुर। कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में समय सीमा प्रकरणों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सलोनी सिडाना, अपर कलेक्टर राजेश बाथम, शेर सिंह मीणा, सुश्री विमलेश सिंह एवं सभी संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में कलेक्टर श्री इलैयाराजा ने सर्वप्रथम हेल्थ से जुड़े लंबित प्रकरणों की समीक्षा कर कहा कि जननी सुरक्षा, प्रसूति सहायता से संबंधित सभी प्रकरणों का निराकरण 20 फरवरी के पहले तक कर लें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उक्त योजनाओं में हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लिए डाटा वेरिफिकेशन अवश्य करें और जज्जा और बच्चा को दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आरसीएच पोर्टल में एक-एक प्रकरण दर्ज हो, साथ ही उन्हें देखें और इससे संबंधित प्रकरणों का तत्काल समाधान करें। उक्त योजनाओं में समय पर शासन की योजनाओं का लाभ मिल जाये यह सुनिश्चित करें। इसके लिए प्रतिदिन समीक्षा करते रहें। जननी सुरक्षा और प्रसूति सहायता महत्वपूर्ण योजना है अत: इसमें बिलकुल भी लापरवाही नहीं करें। शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि परीक्षाओं की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कर लें, इसमें कहीं भी गड़बड़ी की गुंजाईश न रहे। साथ ही सीएम हेल्पलाइन से जुड़े प्रकरणों का समाधान संतोषजनक हो। सीएम राइज स्कूलों के लिए जमीन आवंटन, अतिक्रमण व सीमाकंन कराने पर भी चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिये। इसी प्रकार सभी विभागों के सीएम हेल्पलाइन व लंबित प्रकरणों की समीक्षा कर कहा कि आम जनता से जुड़े मुद्दों पर ज्यादा संवेदनशीलता बरतने तथा लोगों की समस्याओं और शिकायतों का तत्परता से निराकरण करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जनता को बेहतर और जबाबदेह प्रशासन देना उनकी हमेशा प्राथमिकता रही है और सभी अधिकारी इस दिशा में प्रो एक्टिव होकर काम करें।
कलेक्टर ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन व लंबित प्रकरणों पर विशेष ध्यान दें, साथ ही समाधान ऑनलाइन में चयनित विषयों का समाधान करें और जिले की रैंकिंग को सुधारें। कोई भी सीएम हेल्पलाइन बिना अटेंड किये हुए न रहें। यदि कोई सीएम हेल्पलाइन के बिना अटेंड किये हुए उच्च स्तर तक पहुंचता है तो संबंधित अधिकारी का एक दिन का वेतन काटा जाएगा। प्रकरणों का निराकरण नहीं होने पर एसडीओ फारेस्ट पर नाराजगी जाहिर की तथा जिला योजना अधिकारी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगले चार दिन में प्रकरणों का निराकरण करें नहीं तो कार्यवाही की जायेगी। वहीं खाद्य सुरक्षा से संबंधित प्रकरणों के निराकरण नहीं होने पर अप्रसन्नता जाहिर की गई। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास, अन्य पिछड़ा वर्ग, जनजाति कार्य व फारेस्ट विभाग लंबित प्रकरण व उनके निराकरण के संबंध में प्रजेंटेशन तैयार करें। जिनके प्रकरण ज्यादा हैं ऐसे बड़े दस विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे प्रतिदिन प्रकरणों की समीक्षाकर निराकरण करें। इसके साथ ही उन्होंने पिछले टीएल में जो निर्देश दिये थे उनके पालन पर चर्चा किये। बैठक के दौरान अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित मुद्दों पर चर्चा कर कहा कि ऐसे एक भी प्रकरण शेष नहीं हो इन्हें प्राथमिकता से देखें। इस दौरान अंर्तविभागीय विषयों पर भी चर्चा कर समन्वय से कार्य करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि प्रकरणों का निराकरण कर जिले की रैकिंग को सुधारें।