
नई दिल्ली। यूक्रेन में बमबारी के बाद नाटो को भी रूस ने खुली चुनौती दे दी है। रूस के विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव ने नाटो को धमकी देते हुए कहा कि रूस सीधी लड़ाई के मूड में हैं। इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि अगर तीसरा विश्व युद्ध होता है तो इसमें परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हो सकता है। उन्होंने कहा है कि ऐसा होता है तो ये महाविनाशकारी साबित होगा। वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी अपने रक्षा प्रमुखों को देश के परमाणु बलों को ‘हाई अलर्ट’ पर रखने का आदेश दिया।
व्लादिमीर पुतिन द्वारा रूस के परमाणु बलों की तत्परता बढ़ाने के आदेश के कुछ घंटे बाद ही अमेरिका के कयामत लाने वाले विमा को आसमान में उड़ान भरते देखा गया। "डूम्सडे प्लेन" को परमाणु संघर्ष की स्थिति में उड़ान नियंत्रण केंद्र के रूप में कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया था, जिसे सोमवार को चार घंटे के प्रशिक्षण के लिए भेजा। डूम्सडे प्लेन को बोइंग 747 को मोडिफाई करके बनाया गया है और इसके बाद इसे बोईंग ई-4बी नाम दिया गया है। बोईंग ई-4बी ने नेब्रास्का में अमेरिकी वायु सेना के अड्डे से उड़ान भरी और बैलिस्टिक मिसाइलों को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले अन्य विशेष पूर्व-चेतावनी जेट के साथ एक मिशन का संचालन किया और साढ़े चार घंटे की यात्रा पूरी की।
हवा में उड़ते हुए निया पर हमला किया जा सकता
इसे ई-4बी नाइटवॉच भी कहा जाता है। ये बेहद आधुनिक तकनीकों से लैस विमान है और अगर इशारा भी कर दे तो तुरंत अमेरिका के 4,315 परमाणु बम एक साथ हरकत में आ सकते हैं। यानी अमेरिका जब चाहे दुनिया के किसी भी हिस्से में विनाश बरपा सकता है। केवल साल 2020 में अमेरिका ने इस श्रेणी के प्लेन्स के रखरखाव पर लगभग 223 मिलियन डॉलर खर्च किए। ये तीन डेक वाले इस प्लेन में 112 क्रू रह सकते हैं। इसमें खिड़कियां नहीं होती हैं और अमेरिका का दावा है कि ये कितना भी भयंकर परमाणु हमला सह सकते हैं। तो इस तरह से ये हवा में उड़ते वॉर रूम ही हैं, जहां से दुनिया पर हमला किया जा सकता है।
1973 में बनाया गया था
डूम्स डे प्लेन को दूसरे विश्व युद्ध के बाद साल 1973 में तैयार किया गया था। उस वक्त सोवियत संघ के साथ अमेरिका के रिश्ते काफी तनावपूर्ण थे। शीत युद्ध कभी भी तीसरे विश्व युद्ध में तब्दिल हो सकता था। जिसके मद्देनजर अमेरिका ने ये प्लेन तैयार किया था। लंबे चौड़े क्रू को रख सकते लायक बड़ा प्लेन लगातार 12 घंटे तक बिना ईंधन के उड़ान भर सकता है। लेकिन इस प्लेन के प्रतिघंटा उड़ान भरने की कीमत करीब 160 हजार डॉलर है।
हवा में उड़ते हुए निया पर हमला किया जा सकता
इसे ई-4बी नाइटवॉच भी कहा जाता है। ये बेहद आधुनिक तकनीकों से लैस विमान है और अगर इशारा भी कर दे तो तुरंत अमेरिका के 4,315 परमाणु बम एक साथ हरकत में आ सकते हैं। यानी अमेरिका जब चाहे दुनिया के किसी भी हिस्से में विनाश बरपा सकता है। केवल साल 2020 में अमेरिका ने इस श्रेणी के प्लेन्स के रखरखाव पर लगभग 223 मिलियन डॉलर खर्च किए। ये तीन डेक वाले इस प्लेन में 112 क्रू रह सकते हैं। इसमें खिड़कियां नहीं होती हैं और अमेरिका का दावा है कि ये कितना भी भयंकर परमाणु हमला सह सकते हैं। तो इस तरह से ये हवा में उड़ते वॉर रूम ही हैं, जहां से दुनिया पर हमला किया जा सकता है।
1973 में बनाया गया था
डूम्स डे प्लेन को दूसरे विश्व युद्ध के बाद साल 1973 में तैयार किया गया था। उस वक्त सोवियत संघ के साथ अमेरिका के रिश्ते काफी तनावपूर्ण थे। शीत युद्ध कभी भी तीसरे विश्व युद्ध में तब्दिल हो सकता था। जिसके मद्देनजर अमेरिका ने ये प्लेन तैयार किया था। लंबे चौड़े क्रू को रख सकते लायक बड़ा प्लेन लगातार 12 घंटे तक बिना ईंधन के उड़ान भर सकता है। लेकिन इस प्लेन के प्रतिघंटा उड़ान भरने की कीमत करीब 160 हजार डॉलर है।