
कोलंबो। देशव्यापी कर्फ्यू और लगातार हो रहे प्रदर्शन के बीच श्रीलंका की हालत लगातार खराब होती जा रही है। श्रीलंका में आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। सोमवार को श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया था। श्रीलंका में इमरजेंसी लागू होने के बाद भी लोग सड़क पर निकल रहे हैं और जमकर हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। इन्हीं हिंसक प्रदर्शन को दबाने के लिए श्रीलंका सरकार की ओर से एक बड़ा आदेश जारी किया गया है। श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक दंगा फैलाने वालों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता नलिन हेराथ ने कहा कि श्रीलंका के सशस्त्र बलों को मंगलवार को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या जान जोखिम में डालने वाले किसी भी व्यक्ति को गोली मारने का आदेश दिया गया है।
श्रीलंका में तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा, देश में घोर आर्थिक संकट पर उन्हें हटाने की मांग कर रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद सोमवार को हिंसा भड़क गई थी, जिसमें एक सांसद समेत आठ लोगों की जान चली गई। वहीं, कोलंबो और अन्य शहरों में हुई हिंसा में 200 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं। गौरतलब है कि वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ, जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है। नौ अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि खत्म हो गई है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं।