
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत में एक नया मोड़ आने की संभावना है। विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) में फूट पड़ती हुई दिखाई दे रही है। एक तरफ सपा को सींचने वाले शिवपाल यादव अपने भतीजे अखिलेश यादव से खफा हैं तो दूसरी तरफ इस सूची में रामपुर विधायक आजम खान का नाम भी शामिल हो गया है। हाल फिलहाल में उन्होंने कई ऐसे बयान दिए हैं, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि सपा प्रमुख से आजम खान खासे नाराज हैं।
इसी बीच आजम खान ने मंगलवार को शिवपाल यादव से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई और साथ में चाय-नाश्ता लिया। उन्होंने मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सलाम दुआ सबसे साथ रहनी चाहिए।
एक समाचार एजेंसी के मुताबिक, सपा नेता आजम खान ने कहा कि मेरी उनसे मुलाकात पहले भी हुई है और आगे भी होगी। मैंने अब तक एक रेखा खींच रखी थी, किसी दूसरी कश्ती की तरफ देखा नहीं था। सलाम दुआ सबसे रहनी चाहिए और चाय-नाश्ता से किसी को ऐतराज़ नहीं होना चाहिए। सब चाय नाश्ता कर सकते तो मैं नहीं कर सकता ? उन्होंने कहा कि पहले कोई माकूल कश्ती सामने आए। अभी मेरा जहाज ही काफी है।
जब आजम खान ने की थी तबाहियों की बात
27 महीने बाद जेल से बाहर आने के बाद आजम खान ने कहा था कि अभी मेरे लिए भाजपा, बसपा और कांग्रेस इसलिए बहुत बड़ा सवाल नहीं है क्योंकि मुझ पर, मेरे परिवार और मेरे लोगों पर हज़ारों की तादाद में जो मुकदमें दायर किए हैं उसमें मैं कहूंगा कि मेरी तबाहियों में मेरा अपना हाथ है। मेरे अपने लोगों का बड़ा योगदान है। मालिक उन्हें सदबुद्धि दे। दरअसल, आजम खान के इस बयान को सपा पर जवाबी हमले के तौर पर देखा गया था और उनके परिवार ने तो पहले ही उपेक्षा का आरोप भी लगाया था।
गौरतलब है कि आजम खान के सीतापुर जेल से बाहर आने पर बेटे अब्दुल्ला आजम और प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव उन्हें रिसीव करने के लिए सीतापुर जेल पहुंचे थे। इस दौरान भारी मात्रा में आजम खान के समर्थक भी मौजूद थे लेकिन सपा प्रमुख नहीं आए। हालांकि अखिलेश यादव ने ट्वीट कर आजम खान का स्वागत किया था।