LG के खिलाफ धरना देंगे MLA, रात भर विधानसभा के भीतर ही रुकेंगे विधायक - Khabri Guru

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LG के खिलाफ धरना देंगे MLA, रात भर विधानसभा के भीतर ही रुकेंगे विधायक

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नई दिल्ली। दिल्ली में केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल के बीच तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। हालांकि, दिल्ली में यह पहला मौका नहीं है जब केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल के बीच इस तरह की तकरार देखी गई है। इससे पहले भी कई ऐसे मौके आए हैं जब दोनों की तकरार बढ़ गई हैं। इन सबके बीच उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ आम आदमी पार्टी हमलावर हो गई है। आम आदमी पार्टी के विधायक उपराज्यपाल के इस्तीफे की मांग को लेकर धरना देने की तैयारी में है। विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ आप विधायक जांच की मांग कर रहे हैं। दरअसल, कई मुद्दों पर केजरीवाल सरकार उपराज्यपाल से खफा चल रही है। इसमें से एक कारण यह भी है कि शराब नीति को लेकर एलजी ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है। इसी के बाद से दोनों ओर से टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी।

अब एक बार फिर से आम आदमी पार्टी के विधायक उपराज्यपाल के खिलाफ खड़े हो रहे हैं। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली विधानसभा के सभी विधायक आज शाम 7:00 बजे गांधी मूर्ति के नीचे बैठेंगे। इतना ही नहीं, पार्टी के सभी विधायक रात भर विधानसभा के भीतर ही रुकेंगे। सभी विधायक सदन के वेल में ही रहने वाले हैं। सौरभ भारद्वाज के मुताबिक एलजी से पार्टी की लड़ाई कई मुद्दों को लेकर है। लेकिन इस्तीफे की मांग किसी दूसरे कारण से भी की जा रही है। बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी ने नोटबंदी के दौरान खादी ग्राम उद्योग के चेयरमैन रहते हुए विनय कुमार सक्सेना पर कई आरोप लगाए हैं और इन्हीं आरोपों की वजह से उनके इस्तीफे मांगे जा रहे हैं।

AAP का आरोप
आम आदमी पार्टी (आप) विधायक दुर्गेश पाठक ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा में आरोप लगाया कि उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने 2016 में खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) का अध्यक्ष रहते हुए अपने कर्मचारियों पर 1400 करोड़ रुपये के पुराने नोट बदलवाने के लिए दबाव डाला था। आरोपों पर उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी। नए आरोपों से सत्तारूढ़ दल और उपराज्यपाल के बीच के संबंध और खराब हो सकते हैं। उपराज्यपाल सक्सेना ने पिछले महीने अरविंद केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की सिफारिश की थी।

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