
फरवरी की 27 तारीख से शुरू होने वाले मप्र विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेस सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी इस सत्र में शिवराज कैबिनेट के मंत्रियों के खिलाफ आरोप पत्र लाएंगे। पटवारी ने कहा कि यह कहने को एक महीने का सत्र होगा, लेकिन यह गुमराह करने की कोशिश है। इस सत्र में सिर्फ 13 दिन बैठकें होंगी। 13 दिन में भी दस दिन बजट पर चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार की पूरी कोशिश है कि सत्र न चलाया जाए। जीतू पटवारी ने कहा- मेरा विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध है कि यदि सत्र नहीं चलता है, तो अध्यक्ष की गरिमा भी गिरती है। इस तरह के सत्र के प्रस्ताव की मैं निंदा करता हूं। इस विस सत्र में 15 मंत्रियों के खिलाफ कांग्रेस फिर आरोप पत्र लेकर आएगी। आर्थिक हालात को लेकर मप्र की सरकार जवाब दे। मैंने मुख्यमंत्री के खिलाफ आरोप पत्र दिया था। उसका जवाब सीएम ने सदन में नहीं दिया। अब जो सत्र आएगा उसमें वो आरोप पत्र सदन में रखूंगा। 15 मंत्रियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करूंगा। जो आरोप कांग्रेस पार्टी ने आरोप पत्र में लगाए हैं उनके जवाब दें।
मप्र सरकार के आगामी बजट को लेकर जीतू पटवारी ने कहा- जो बजट बनेगा उसमें से 30 प्रतिशत राशि भृष्टाचार में देनी है। करप्शन, गबन करना है। बची हुई 20 प्रतिशत राशि में से जो कर्ज ले रखा है उसकी देनदारियां देनी हैं। बाकी बची 50: राशि से सैलरी देनी है। विधायकों, सांसदों के घर ठीक कराने हैं। मंत्रियों की अय्याशियों पर पैसे खर्च करने हैं। थोड़ा बहुत 10 प्रतिशत जो बचता है उसमें से सीएम अपने मीडिया इवेंट और छवि सुधारने में खर्च करते हैं। ये मप्र का बजट है। जिसके सामने आने से पहले मैने सामने रखा है।
जीतू पटवारी ने कहा कुछ दिनों से सीएम शिवराज हमारे नेता कमलनाथ से सवाल करते हैं। 20 साल का सीएम 15 महीने के सीएम से सवाल करता है। यह लोकतंत्र का हनन है। लोकतंत्र में सरकार से विपक्ष, मीडिया सवाल करते हैं। जीतू ने सीएम से पूछा कि बेरोजगारों की आत्महत्या का जिम्मेदार कौन है? अडानी समूह जिसने महाअपराध किया है, उसमें शिवराज सरकार की भूमिका क्या है, उन्हें कितनी जमीन दी गई?