
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए दुनिया से एक समावेशी खाद्य प्रणाली बनाने का आह्वान किया जो दुनिया के सबसे कमजोर लोगों पर ध्यान केंद्रित करे और उर्वरक संसाधनों पर कब्जा करने वाली ‘‘विस्तारवादी मानसिकता’’ पर रोक लगाए। हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन के एक सत्र में मोदी ने प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण की भी जोरदार वकालत करते हुए कहा कि यह विकास और लोकतंत्र के बीच एक सेतु बन सकता है। मोदी जब बोल रहे थे तब दुनिया के सबसे अमीर लोकतंत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले देश अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान के राष्ट्र प्रमुख शांत होकर भारत के प्रधानमंत्री का भाषण बड़े ध्यान से सुन रहे थे।
मोदी के वैश्विक दोस्त
हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन से तो दुनिया का दिल जीता ही साथ ही यहां वैश्विक नेताओं में भी मोदी से मिलने की होड़ देखी गयी। इस शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री ने कई द्विपक्षीय मुलाकातें भी कीं। इस दौरान विभिन्न देशों के साथ भारत के अहम समझौते भी हुए। शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री की विश्व नेताओं के साथ गहरी दोस्ती भी नजर आई। खासतौर पर जब प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन मिलने पहुँचे तो दोनों नेता बड़ी गर्मजोशी से मिले। प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन से इतर यूक्रेन के राष्ट्रपति से भी मुलाकात की।
मोदी का भाषण
प्रधानमंत्री के संबोधन की बड़ी बातों पर गौर करें तो आपको बता दें कि मोदी ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के समग्र उपयोग पर ध्यान देने की जरूरत है और उपभोक्तावाद से प्रेरित विकास मॉडल को बदलना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समावेशी खाद्य प्रणाली बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए जो दुनिया के सबसे कमजोर लोगों पर केंद्रित हो, विशेष रूप से ‘‘सीमांत किसान हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक उर्वरक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना होगा। इसमें राजनीतिक बाधाओं को दूर करना होगा। उर्वरक संसाधनों पर कब्जा करने वाली विस्तारवादी मानसिकता को रोकना होगा। यह हमारे सहयोग का उद्देश्य होना चाहिए।’’ हालांकि प्रधानमंत्री ने किसी देश का नाम नहीं लिया। मोदी ने खाद्यान्न की बर्बादी रोकने पर जोर देते हुए कहा कि यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह स्थायी वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए आवश्यक है।’’
प्रधानमंत्री की मुलाकातें
प्रधानमंत्री की अहम मुलाकातों की बात करें तो आपको बता दें कि मोदी ने ब्रिटेन के अपने समकक्ष ऋषि सुनक, इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस से इस जापानी शहर में जी-7 शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात की। सुनक से मुलाकात के दौरान दोनों नेता गर्मजोशी से गले मिले। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सुनक ने अपने ट्विटर हैंडल पर मोदी के साथ तस्वीर भी साझा की, जिसमें दोनों नेता गर्मजोशी से गले मिलते दिख रहे हैं। इंडोनेशियाई नेता के साथ मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति जोको और श्रीमती विडोडो से मिला। भारत इंडोनेशिया के साथ मजबूत संबंधों को बड़ी प्राथमिकता देता है।’’ बैठक के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘हिरोशिमा में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के साथ अच्छी बातचीत।’’ इससे पहले, मोदी ने अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा, दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक येओल, वियतनामी समकक्ष फाम मिन्ह चिन्ह के साथ बातचीत की और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ से भी मुलाकात की। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-7 समूह के शिखर सम्मेलन से इतर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ भी बातचीत की। पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली आमने-सामने की मुलाकात है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बातचीत की।’’
महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण
इसके अलावा, मोदी ने हिरोशिमा में महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण भी किया। प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री की जापान यात्रा के दौरान महात्मा गांधी की प्रतिमा भारत और जापान के बीच दोस्ती एवं सद्भावना के प्रतीक के रूप में हिरोशिमा शहर को भेंट की गई है। पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित राम वनजी सुतार ने 42 इंच लंबी इस कांस्य प्रतिमा को तैयार किया है। मोतोयासु नदी से सटे जिस स्थल पर यह प्रतिमा स्थापित की गई है, वह प्रतिष्ठित ए-बम डोम के करीब है, जिसे देखने के लिए रोजाना हजारों की संख्या में स्थानीय एवं विदेशी पर्यटक हिरोशिमा पहुंचते हैं। मोदी ने आवक्ष प्रतिमा का अनावरण करने के बाद पत्रकारों से बात की और कहा कि आज भी जब दुनिया हिरोशिमा शब्द सुनती है, तो डर जाती है।