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नई दिल्ली। बाबा रामदेव इन दिनों अपने बयानों के कारण चर्चाओं में बने हुए हैं। अब रामदेव बाबा के सिर पर संकट के बादल घिर गये है। दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को पतंजलि की ‘कोरोनिल किट’ के कोविड-19 के उपचार के लिए कारगर होने की झूठी जानकारी देने से रोकने के लिए दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) की ओर से दर्ज याचिका पर योग गुरू को समन भेजा है। रामदेव के वकील से हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि, वह सुनवाई की अगली तारीख, 13 जुलाई तक कोई भड़काऊ बयान ना दें और मामले पर अपना रुख स्पष्ट करें। डॉक्टरों की ओर से इस मामले पर रामदेव का बयान प्रभावित करता है क्योंकि वह दवा कोरोना वायरस का इलाज नहीं करती और यह भ्रामक करने वाला बयान है।

इसके पूर्व भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने इस मामले में कहा था कि योग गुरु रामदेव ने कोविड-19 महामारी को कंट्रोल में लाने के लिए सरकार द्वारा किए गये प्रयासों को ‘‘अपूरणीय’’ क्षति पहुंचाई है और ऐसे महामारी के समय में भ्रम पैदा करने वाले लोग ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ कहलाए जाएंगे। एक खुले पत्र में आईएमए ने यह भी आरोप लगाया कि रामदेव ने अपने उत्पादों के लिए ‘‘बाजार’’ तलाशने के एक मौके के रूप में राष्ट्रीय कोविड उपचार प्रोटोकॉल और टीकाकरण कार्यक्रम के खिलाफ अपना अभियान शुरू करना उचित समझा।

आईएमए ने इस बारे में कहा, ‘‘रामदेव ने महामारी को रोकने के लिए भारत सरकार के प्रयासों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है।’’ उसने कहा, ‘‘राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल और राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में एक महामारी के दौरान भ्रम पैदा करने वाले लोग देशद्रोही और राष्ट्र-विरोधी हैं। वे जन-विरोधी और मानवता-विरोधी हैं। वे दया के पात्र भी नहीं हैं।’’

रामदेव के खिलाफ आईएमए ने फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और देश के अन्य मेडिकल तथा रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा दिए गए विरोध को समर्थन दिया है। बांह में काला फीता बांधकर इन डॉक्टरों ने रामदेव के खिलाफ विरोध किये जाने का आह्वान किया था। इस बारे में आईएमए ने कहा कि आज का मेडिकल महामारी के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे है और 1,300 से अधिक डॉक्टरों ने देश के लिए अपने प्राण त्याग दिए । एक पत्र में आईएमए ने कहा कि मेडिकल छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों से लेकर आपात देखभाल चिकित्सक तक, हर एक डॉक्टर को लोगों की सुरक्षा में तैनात किया गया है।

आईएमए ने ये भी कहा कि, ‘‘राष्ट्रीय कोविड प्रोटोकॉल और राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के खिलाफ लोगों के मन में भ्रम पैदा करना एक राष्ट्र विरोधी कार्य है। आईएमए ने इसे देशद्रोह के रूप में मानने और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत उन पर (रामदेव) मुकदमा चलाने की मांग की है।’

आईएमए ने योग गुरु पर ये भी आरोप लगाया कि रामदेव के समर्थकों ने आईएमए और इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष पर ‘‘दुर्भावनापूर्ण हमलों की रणनीति’’ को अपनाने की कोशिश की। आईएमए ने ये भी कहा कि, ‘‘देश में अब तक कोविड-19 रोगियों की कुल संख्या 2.78 करोड़ है और इनमें 2.54 करोड़ रिकवर हो चुके हैं। देश मृत्यु दर 1.16 प्रतिशत बनी हुई है। अब यह देखा जा सकता है कि भारतीय डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों ने अथक संघर्ष किया है।’’

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