थाना प्रभारी प्रफुल्ल श्रीवास्तव ने बताया कि रामेश्वर कॉलोनी एमआर-4 निवासी एलआईसी एजेंट नवीन कुमार जैन का मकान जर्जर हो चुका है। इसके लिए उन्होंने लोन के रूप में इंडियन ओवरसीज बैंक से पांच लाख रुपए सोमवार को निकाले थे। दोपहर 3.10 बजे वह बैग में पैसे रखकर निकले थे। 500-500 रुपए की उन्होंने रबड़ लगाकर दो गड्डियां बनाई थी। करीब 3.30 बजे वह लटकारी का पड़ाव में सब्जी लेने रुक गए। तभी उनके बैग से ढाई लाख रुपए वाली एक गड्डी गिर गई। बैग का चेन खराब होने की वजह से खुली थी। बैग में ढाई लाख वाली दूसरी गड्डी गायब थी।
ढाई लाख रुपए गायब देख नवीन सन्न रह गए। बाइक उठाकर बैंक तक कई चक्कर लगाए। रोड किनारे ठेला आदि लगाने वालों से भी पूछा। कोई कुछ नहीं बता पाया। हैरान-परेशान नवीन लार्डगंज थाने पहुंचे। वहां से पुलिस कंट्रोल रूम गए। मालवीय चैक से लटकारी के पड़ाव के बीच लगे कैमरे की फुटेज भी देख डाला लेकिन ऐसा कुछ नहीं मिला, जिससे पता चल सके कि उनके ढाई लाख रुपए कहां गए।
ऐसे वापिस मिली रकम
थाना प्रभारी प्रफुल्ल श्रीवास्तव ने इस संबंध में बताया कि जब नवीन जैन बैंक से रकम लेकर आ रहे थे तो उनके बैग से ढाई लाख रुपये की गड्डी थाने के समीप ही गिर गई। सड़क पर गिरी गड्डी पर एक रिक्शा चालक की नजर पड़ी तो उसने उठा ली। इतनी बड़ी रकम देखकर उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे, जबकि थाने के समीप ही जूते की दुकान में काम करने वाले एक युवक परवेज अली इस पूरे घटनाक्रम को देख रहा था और उसने तत्काल रिक्षा वाले से रकम लेकर थाने में जमा करा दी। पुलिस ने सूचना देने वाले नवीन जैन से संपर्क कर उनको रकम लौटा दी।
रुपये पाकर आंखों से आ गए आंसू
बताया गया है कि नवीन जैन ने रुपये गिरने पर सब्जी मंडी से बैंक तक कई चक्कर लगाए। कई संभावित जगहों पर उन्होंने लोगों से पूछा भी लेकिन कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था। अचानक उनके पास थाना प्रभारी प्रफुल्ल श्रीवास्तव की सूचना पहुंची कि वे तत्काल थाने पहुंचें। जब उन्हें रुपये मिलने की जानकारी मिली तो उन्हें पहले तो विश्वास ही नहीं हुआ, लेकिन जब उनके हाथों में गड्डी के रूप में रकम सौंपी गई तो उनकी आंखें छलछला उठीं।

