
बहस करते हुए एबीवीपी के पदाधिकारी।
जबलपुर। आपसी गुटबाजी के चलते अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों व प्रान्त संगठन मंत्री के बीच बुधवार को जमकर तकरार हुई। परिषद के करीब दो दर्जन पदाधिकारी व कार्यकर्ता इस्तीफा देने गुलौआ चैक स्थित कार्यालय पहुंचे थे जिसे संगठन मंत्री ने स्वीकार नहीं किया। इस बात को लेकर दोनों गुटों में जमकर तकरार हुई और चार थानों की पुलिस को मौके पर पहुंचकर हालात सम्भालने पड़े। सीएसपी गोरखपुर के माध्यम से छात्रों ने अपना इस्तीफा सौंपा। अब ये गुट नया संगठन बनाने की तैयारी में है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के महानगर महाविद्यालय प्रमुख अभिषेक पांडे की अगुवाई में 20 पदाधिकारी शाम बुधवार की शाम गुलौआ चौक में एबीवीपी के कार्यालय पहुंचे थे। वहां प्रांत संगठन मंत्री विपिन गुप्ता मौजूद थे। पर वे इस्तीफा नहीं ले रहे थे। इसी बात पर दोनों पक्षों में बहस हो गई।
विपिन गुप्ता के साथ भी एबीवीपी के अन्य पदाधिकारी आ गए। दोनों पक्षों में तनातनी की सूचना मिलते ही पुलिस भी सक्रिय हो गई। मौके पर सीएसपी गोरखपुर आलोक शर्मा, सीएसपी गढ़ा तुषार सिंह, सीएसपी ओमती आरडी भारद्वाज भी पहुंच गए। इसके अलावा संजीवनी नगर, मदनमहल, लार्डगंज, गढ़ा थाने का बल भी पहुंच गया।

सीएसपी गोरखपुर को ही इस्तीफा सौंपकर निकला विरोधी गुट।
पुलिस के सामने ही दोनों गुट भिड़ गए
पुलिस के सामने ही दोनों गुटों में झड़प हो गई। पुलिस से भी उनकी बहस हो गई। बाद में पुलिस ने दोनों गुटों को अलग किया। अभिषेक पांडे के साथ अमन तिवारी, तरुण तिवारी, देवांश दुबे, आकाश खरे, सिद्धार्थ नायक, नमन केशरवानी, लक्ष्य पचौरी, जतिन कनौजिया, समर्थ ठाकुर, ईश्प्रीत सिंह, अरविंद जायसवाल, आयुष ठाकुर, हिमांशू माहिरे, देवांश शर्मा, साहिल चौबे, सक्षम श्रीवास्तव, रौनक जैन, सारांश साहू, नमन खरे, अभिराज सिंह ने इस्तीफा सीएसपी गोरखपुर के माध्यम से सौंपा। इसके बाद वे वहां से हटे।

अभिषेक पांडे से बात करती पुलिस।
नया संगठन बनाने की कही बात
अभिषेक पांडे ने कहा कि महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में छात्रों से जुड़ी ढेरों समस्याएं हैं, लेकिन लॉकडाउन के बाद से ही संगठन पदाधिकारियों द्वारा कोई आंदोलन करने से रोका जा रहा था। पदाधिकारियों को बर्दाश्त करने की नसीहत दी जा रही थी। जबकि छात्रों के बीच में रहकर उनकी आवाज न उठाने पर उनकी भूमिका को संदेह से देखा जा रहा था। इसी कारण वे इस्तीफा देने पहुंचे थे। अब सभी पदाधिकारी नया छात्र संगठन बनाकर छात्रों की आवाज दमदारी से उठाएंगे। मामले में सीएसपी आलोक शर्मा ने बताया कि दोनों पक्षों में बात इतनी थी कि एक पक्ष इस्तीफा देने पहुंचा था और दूसरा पक्ष इसे ले नहीं रहा था। बाद में समझा बुझाकर किसी तरह मामला शांत कराया गया।

