नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र का चौथा दिन भी हंगामेदार रहा। पेगासस जासूसी और कृषि कानूनों को लेकर सदन में विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। जिसके चलते लोकसभा सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2.30 बजे की गई थी।
टीएमसी सांसद निलंबित
राज्यसभा में आज तृणमूल सांसद शांतनु सेन को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। सरकार ने उनके निलंबन का प्रस्ताव राज्यसभा में रखा। उन्होंने कल आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव के हाथ से दस्तावेज लेकर फाड़ दिए थे। आज वैष्णव ने इस घटना पर कहा कि तृणमूल का बंगाल में हिंसा का कल्चर है और यही कल्चर वह सदन में लाने की कोशिश कर रही है।
आईटी मिनिस्टर वैष्णव गुरुवार को सदन में पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों और इस मामले में विपक्ष के आरोपों पर बयान दे रहे थे। इसी दौरान शांतनु ने उनके हाथों से कागज छीन लिया और उसके टुकड़े कर हवा में फेंक दिए।
हरदीप पुरी ने अपशब्द कहे: शांतनु
राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी विपक्षी सदस्यों के पास पहुंचे और उन्हें आश्वासन दिया कि मंत्री अपना बयान देने के बाद उनके सवालों का जवाब देंगे, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। वैष्णव पूरा बयान नहीं पढ़ पाए तो इसे पटल पर रख दिया गया। वहीं, शांतनु सेन ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने राज्यसभा में उन्हें अपशब्द कहे और वे मारपीट करने वाले थे, लेकिन सहयोगियों ने उनको बचा लिया।
लोकसभा में भी नारेबाजी
सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ओलंपिक खेलों के लिए भारतीय खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच गए। कुछ सदस्यों के हाथों में तख्तियां थी जिन पर पेगासस मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग के बारे में लिखा हुआ था।
कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी कोई फर्क नहीं
हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने करीब 11.15 बजे सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। निचले सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही। शोर-शराबे के बीच ही पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने आवश्यक कागजात सभापटल पर रखवाए।
इस दौरान विपक्षी सदस्य अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते रहे। सोलंकी ने सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने और कार्यवाही चलने देने का अपील की। हालांकि सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा। व्यवस्था बनती नहीं देख पीठासीन सभापति ने सदन की कार्यवाही करीब सवा 12 बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी। शनिवार और रविवार को अवकाश होने के कारण सदन की अगली बैठक अब सोमवार, 26 जुलाई को शुरू होगी।
