
भोपाल। मध्य प्रदेश में 7 मार्च से विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत होने वाली है। इससे पहले सभी विधायकों को मिलने वाली स्वेच्छा अनुदान राशि में बढोत्तरी हो सकती है। जानकारी मिली है कि विधायकों को विकास कार्यो के लिए मिलने वाली राशि में 15 से 25 लाख की बढोत्तरी हो सकती है।
दरअसल विधायकों की स्वेच्छा अनुदान राशि बढाने को लेकर विधानसभा की सदस्य सुविधा समिति ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसमें विधायक निधि बढाने के साथ साथ इसके खर्च और अन्य नियम में बदलाव भी प्रस्तावित है। विधानसभा अध्यक्ष इस पर अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ चर्चा करेंगे। इसके बाद इसका फायनल ड्राफ्ट तैयार किया जाऐगा।
जानकारी के मुताबिक फिलहाल प्रत्येक विधायक को विधायक निधि के रुप में एक करोड़ 85 लाख रुपए का बजट प्रत्येक वित्तीय वर्ष में दिया जाता है। इसे अपनी अनुशंसा से जनकार्य,विकास कार्य, शिक्षा आदि पर खर्च कर सकते हैं। इसके लिए प्रस्ताव विधायक की अनुशंसा पर ही मंजूर होते हैं।
आपको बता दें कि 2018 में जब एमपी में कांग्रेस की सरकार थी तब कमलनाथ से विधायकों ने निधायक निधि बढाने को लेकर मांग रखी थी। विधानसभा में बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा के सवाल का जवाब देते हुए कमलनाथ ने कहा था कि विधायक निधि बढाने पर सरकार विचार करेगी।
वहीं 2016 में शिवराज सरकार ने विधायकों को मिलने वाले फंड में जबरदस्त बढोत्तरी की थी। उस दौरान विधायकों को मिलने वाली लगभग 80 लाख की विधायक निधि को बढ़ाकर एक करोड़ 80 लाख कर दिया गया था।