पारिवारिक कलह में रिटायर्ड फौजी ने खुद को मारी गोली, पत्नी-बच्चों से रहता था अलग - Khabri Guru

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पारिवारिक कलह में रिटायर्ड फौजी ने खुद को मारी गोली, पत्नी-बच्चों से रहता था अलग

जबलपुर। रांझी क्षेत्र में एक रिटायर्ड फौजी ने आज सुबह खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। बैंक सुरक्षा गार्ड द्वारा खुद की लाइसेंसी बंदूक से गोली मारने की जानकारी सामने आ रही है। घटना के पीछे कारण पारिवारिक विवाद बताया जा रहा है। वह पत्नी व बच्चों से अलग रहता था। यह आत्मघाती घटना सुबह 7 बजे हुई जिसमें गार्ड ने अपनी जांघ में गोली मार ली थी और अधिक खून बह जाने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि उसका एक दिन पहले पत्नी से फोन पर भी विवाद हुआ था। रांझी थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।


रांझी टीआई विजय सिंह परस्ते ने बताया कि इंदिरा आवास कॉलोनी निवासी रामाधार प्रजापति ग्रेनेडियर्स रेजिमेंटल सेंटर से सेवानिवृत हुआ था। उसके बाद वह एक बैंक में सुरक्षा गार्ड के तौर पर नौकरी कर रहा था। पारिवारिक विवाद के चलते 7 महीने से उसकी पत्नी सरस्वती बच्चों के साथ विजय नगर स्थित मायके में रह रही थी। रामाधार मूलतः उप्र के अतर्रा का रहने वाला था और इंदिरा आवास कालोनी में उसने एक बड़ा सा मकान बना लिया था। जिसमें तीन किरायेदार भी रहते हैं। बताया गया है कि उसने आज सुबह करीब 7 बजे घर के मुख्य दरवाजे पर ताला लगाने के बाद गेट के बगल में ही अपनी जांघ में गोली मार ली। गोली की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे पड़ोसियों ने उसे तड़पते हुए देखा। उन्होंने घटना की जानकारी पुलिस व एम्बुलेंस को दी। इसके पहले कि आ पाती रामाधार ने दम तोड़ दिया। पुलिस को उसके पास से बंदूक के साथ ही मोबाइल, बैंक विड्रावल और डायरी मिली है। 


प्राप्त जानकारी के अनुसार सरस्वती ने घरेलू विवाद के चलते रांझी थाने में डायल-100 और महिला थाने में शिकायत भी की थी। महिला थाने में काउंसिलिंग भी हो चुकी थी। रामाधार प्रजापति ने पत्नी से तलाक का कोर्ट में केस भी लगा रखा था। तीन बच्चों में बेटा शुभम और बेटी मोनिका बेटी बेंगलुरु में रहकर पढ़ाई और साथ-साथ जॉब करते हैं। छोटी बेटी अम्बिका बीटेक की पढ़ाई पूरी कर अभी मां के साथ रहती है। जांच के दौरान मृतक का एक महिला से प्रेम प्रसंग की जानकारी भी सामने आई है। मदन महल क्षेत्र निवासी ये महिला अक्सर रामाधार से मिलने उसके घर पहुंचती थी। इसी तरह रामाधार भी उसके घर मदनमहल जाया करते थे। 


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