मोरबी हादसे के बाद एक्शन, पुलिस ने 4 लोगों को किया गिरफ्तार, 5 हिरासत में - Khabri Guru

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मोरबी हादसे के बाद एक्शन, पुलिस ने 4 लोगों को किया गिरफ्तार, 5 हिरासत में


अहमदाबाद। मोरबी हादसे में 141 लोगों की जान जाने के बाद अब पुलिस एक्शन में आ गई है। हादसे के अगले दिन सोमवार को पुलिस ने 9 लोगों से काफी देर तक पूछताछ की। लंबी पूछताछ के बाद इनमें से 4 को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, 5 लोग अभी तक हिरासत में हैं। इनसे पूछताछ जारी है।

गुजरात के मोरबी में हुए दर्दनाक हादसे के बाद अब पुलिस का एक्शन शुरू हो गया है। पुलिस ने कार्रवाई आगे बढ़ाते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, 5 लोगों से पूछताछ जारी है। इन 9 लोगों को आज ही पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जिनमें से 4 को कुछ देर तक चली इंटेरोगेशन के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस की जांच और पूछताछ दोनों जारी है। गिरफ्तार होने वाले लोगों की संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है। बता दें कि रविवार शाम मोरबी में बेहद पुराना केबल ब्रिज गिरने से 141 लोगों की मौत हो गई। हादसे की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब तक रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। हादसे वाला ब्रिज 7 महीने तक चले रिनोवेशन के बाद दिवाली के अगले दिन लोगों के लिए खोला गया था।

143 साल पुराना था ब्रिज
हादसे के बाद अब तक पुल से जुड़े कई खुलासे हो चुके हैं। सामने आया है कि मोरबी का 765 फुट लंबा और 4 फुट चौड़ा पुल 143 साल पुराना था। इस पुल का उद्घाटन 1879 में किया गया था। इस केबल ब्रिज को मोरबी में शासन करने वाले राजा वाघजी रावजी ने बनवाया था। वाघजी ठाकोर ने पुल बनाने का फैसला इसलिए लिया था ताकि दरबारगढ़ पैलेस को नजरबाग पैलेस से जोड़ा जा सके।

ओरेवा ग्रुप ने कराई मरम्मत
राजधानी गांधीनगर से 300 किलोमीटर दूर मच्छु नदी पर बना ये केबल ब्रिज 7 महीने से बंद था। पुल की मरम्मत का काम अजंता मैनुफैक्चरिंग (ओरेवा ग्रुप) को मिला था। ये कंपनी घड़ियां, एलईडी लाइट, सीएफएल बल्ब, ई-बाइक बनाती है। हालांकि, अब ये जानकारी सामने आई है कि अजंता मैनुफैक्चरिंग ने मरम्मत का ठेका किसी दूसरी कंपनी को दे दिया था।

सामने आईं दर्दनाक तस्वीरें
रविवार को हुए हादसे के बाद कई दर्दनाक मंजर सामने सामने आए थे। हादसे की कई तस्वीरें सामने आई थीं, जिसमें ब्रिज टूटने के बाद लोग तैरकर निकलने की कोशिश करते दिख रहे थे। वहीं, कई लोग टूटे हुए पुल पर लटकते हुए भी नजर आ रहे थे। ये लोग पुलिस के हिस्से को पकड़कर ऊपर आने की कोशिश में लगे थे।

सांसद के 12 रिश्तेदारों की जान गई
हादसे में मारे गए लोगों में ज्यादातर छोटे बच्चे हैं. राजकोट से लोकसभा सांसद मोहन कुंदरिया के 12 रिश्तेदार भी इस हादसे में मारे गए. कुंदरिया ने न्यूज एजेंसी को बताया कि हादसे में उनके बड़े भाई के साले की चार बेटियां, उनमें से तीन के पति और 5 बच्चे मारे गए हैं.

युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
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स्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ की 5 टीम, एसडीआरएफ की 6 प्लाटून, वायुसेना की एक टीम, सेना के दो कॉलम और नौसेना की दो टीमें लगी हैं। इनके अलावा स्थानीय लोग भी रेस्क्यू ऑपरेशन में साथ दे रहे हैं।

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