
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, उसने शुरूआत में यह दावा कर गुमराह करने की कोशिश की कि बच्ची अस्पताल से लापता हो गई है। लेकिन सिविल अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज में कुछ और नजर आया। बच्ची पिछले दो हफ्तों से वहां भर्ती थी।’’ एसीपी पीरोजिया ने कहा, ‘‘सीसीटीवी फुटेज में, महिला को अपनी बेटी को गोद में लिए गैलरी की ओर जाते और इसके बाद खाली हाथ लौटते देखा जा सकता है। अमरीन का शव अस्पताल कर्मी ने भूतल पर पड़ा हुआ पाया था। महिला ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।’’
एक अधिकारी ने बताया कि शाहीबाग पुलिस थाने में रविवार को दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, बच्ची जन्म के तुरंत बाद बीमार पड़ गई थी और वडोदरा के एसएसजी अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था, जहां उसे 24 दिनों तक भर्ती रखा गया। अधिकारी ने कहा कि बच्ची के पिता आसिफ ने पुलिस को बताया था कि वडोदरा में चिकित्सकों ने बीमारी का कारण दूषित जल पीना बताया था। प्राथमिकी के अनुसार, बच्ची का स्वास्थ्य बिगड़ने पर उसे 14 दिसंबर को नाडियाड के एक अस्पताल ले जाया गया और इसके बाद वहां से उसे सिविल अस्पताल भेज दिया गया। प्राथमिकी के अनुसार, आरोपी द्वारा बच्ची के लापता होने की बात कहने पर आसिफ ने अस्पताल के कर्मियों को इसकी सूचना दी और पुलिस से संपर्क किया था।