जबलपुर। स्थानीय गोल बाजार स्थित ओमेगा अस्पताल में दो डाक्टरों सहित चार लोगों पर अमानत में खयानत का आरोप उनके ही पूर्व पार्टनरों ने लगाया है। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ लार्डगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला पूर्व पार्टनर डाॅ.आनंद तिवारी एवं उनके पुत्र सुधांशु तिवारी ने दर्ज कराया है। पुलिस ने ओमेगा अस्पताल के संचालक डाॅ. बलवंत हर्षे उनकी पत्नी निरुपमा हर्षे, डाॅ.सुज्ज्ल भाटिया उनकी पत्नी डाॅ. नीता भाटिया के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
डाॅ.आनंद तिवारी ने लार्डगंज थाना पुलिस में शिकायत कर बताया कि 2008 में ओमेगा हॉस्पिटल एंव ब्लड बैंक फर्म रजिस्टर्ड किया गया। 2010 में इस फर्म ने ओमेगा चिल्ड्रन अस्पताल खोला जिसमें डॉ. बलवंत हर्षे उनकी पत्नी निरुपमा हर्षे, डॉ.सुज्ज्ल भाटिया और उनकी पत्नी डाॅ.नीता भाटिया सहित शिकायतकर्ता डॉक्टर आनंद कुमार तिवारी और उनके बेटे सुधांशु तिवारी पार्टनर रहे। इस फर्म में उनकी भागीदार 33 फीसदी थी। आरोप लगाया गया है कि 2019 में चारों आरोपियों ने डॉ.आनंद कुमार तिवारी और उनके बेटे सुधांशु तिवारी को फर्म से अलग करने षड्यंत्र रचा। डॉ. बलवंत हर्षे ने तीनों के साथ मिलकर एक नई फर्म बनाई और उसमें से आनंद कुमार तिवारी और उनके बेटे सुधांशु तिवारी को हटा दिया। इतना ही नहीं चारों ने मिलकर शातिराना अंदाज से पुरानी फर्म की पूंजी, अस्पताल के उपकरण व अन्य चीजों अपने नए फर्म में ट्रांसफर भी करवा लिया।
डॉ आनंद कुमार तिवारी की शिकायत पर लार्डगंज थाना पुलिस ने डॉक्टर बलवंत हर्षे उनकी पत्नी निरुपमा हर्षे, गुप्तेश्वर निवासी डॉ.सुज्ज्ल भाटिया और उनकी पत्नी डॉ.नीता भाटिया के खिलाफ अमानत में खयानत और आपराधिक षड्यंत्र का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
डाॅ.आनंद तिवारी ने लार्डगंज थाना पुलिस में शिकायत कर बताया कि 2008 में ओमेगा हॉस्पिटल एंव ब्लड बैंक फर्म रजिस्टर्ड किया गया। 2010 में इस फर्म ने ओमेगा चिल्ड्रन अस्पताल खोला जिसमें डॉ. बलवंत हर्षे उनकी पत्नी निरुपमा हर्षे, डॉ.सुज्ज्ल भाटिया और उनकी पत्नी डाॅ.नीता भाटिया सहित शिकायतकर्ता डॉक्टर आनंद कुमार तिवारी और उनके बेटे सुधांशु तिवारी पार्टनर रहे। इस फर्म में उनकी भागीदार 33 फीसदी थी। आरोप लगाया गया है कि 2019 में चारों आरोपियों ने डॉ.आनंद कुमार तिवारी और उनके बेटे सुधांशु तिवारी को फर्म से अलग करने षड्यंत्र रचा। डॉ. बलवंत हर्षे ने तीनों के साथ मिलकर एक नई फर्म बनाई और उसमें से आनंद कुमार तिवारी और उनके बेटे सुधांशु तिवारी को हटा दिया। इतना ही नहीं चारों ने मिलकर शातिराना अंदाज से पुरानी फर्म की पूंजी, अस्पताल के उपकरण व अन्य चीजों अपने नए फर्म में ट्रांसफर भी करवा लिया।
डॉ आनंद कुमार तिवारी की शिकायत पर लार्डगंज थाना पुलिस ने डॉक्टर बलवंत हर्षे उनकी पत्नी निरुपमा हर्षे, गुप्तेश्वर निवासी डॉ.सुज्ज्ल भाटिया और उनकी पत्नी डॉ.नीता भाटिया के खिलाफ अमानत में खयानत और आपराधिक षड्यंत्र का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।