आगर मालवा। खेत में जमीन पर बिछे बिस्तर, पेड़ों की डालियों पर लटकी ग्लूकोज की बाॅटल और मरीजों के आसपास बैठे उनके परिजन। जी, हां ऐसा नजारा आपने कहीं नहीं देखा होगा, लेकिन यह दृश्य देखने मिला आगर मालवा में जहां एक झोला छाप डाॅक्टर मरीजों का एक खेत में इलाज कर रहा था। सोशल मीडिया पर आई इन तस्वीरों ने लोगों को जब देखा तो वे सरकारी तंत्र को कोसते नजर आए। शिकायत मिलने पर बाद में प्रशासन ने कार्रवाई की।
दरअसल, ग्रामीण इलाकों में रहने वालों को खांसी जुकाम आने पर इस बात का डर सता रहा है कि शहर जाएंगे तो उन्हें कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया जाएगा इसलिए वो गांव के झोलाछाप डॉक्टरों के पास इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। शहर में प्रशासन की तरफ से ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई भी जारी है लिहाजा प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर ऐसे झोलाछाप खेत में मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इस दौरान पेड़ पर ही सलाइन लटकाकर मरीजों को चढ़ाई जा रही है. झोलाछाप डॉक्टरों की यह करतूत प्रशासन को जैसे ही पता चली, इसे रुकवाया गया है।
इस मामले में बात करते हुए बीएमओ मनीष कुरील ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टर जो ग्रामीण इलाकों में इस तरह इलाज कर रहे हैं, उन पर पहले भी कार्रवाई की गई है. इस मामले में भी कार्रवाई कर रहे हैं. हमारी सबसे अपील है कि जिसको भी खांसी, जुकाम जैसे लक्षण लगे वो पहले डॉक्टर को दिखाए उनके निर्देश पर अपना कोरोना टेस्ट करवाएं नहीं तो ऐसे इलाज से बाद में बहुत देर हो जाती है।