उज्जैन। महाकाल के दरबार में पहले ही सावन सोमवार को बड़ा हादसा टल गया। यहां बेकाबू भीड़ को सुर?क्षा कर्मी सम्भालने में विफल रहे और भगदड़ में कई महिलाओं व बच्चाों सहित भक्त गिर गए। एक साथ हजारों श्रद्धालु बैरिकेड तोड़ कर मंदिर में घुस गए। मंदिर में भगदड़ की स्थिति बन गई। पुरुष, महिला और बच्चे यहां-वहां गिरते-पड़ते नजर आए। हालत को संभालने के लिए मंदिर में तैनात सुरक्षा गार्ड और पुलिस के जवानों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। गनीमत यह रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। महाकाल मंदिर में इससे पहले भगदड़ में मौतें भी हो चुकी हैं।
श्रावण महीने के पहले सोमवार को गेट नंबर चार से सुबह-सुबह हजारों दर्शनार्थी मंदिर में घुस गए। कोरोना संक्रमण काल के बाद महाकाल मंदिर खोलते वक्त दर्शनार्थियों की संख्या सीमित रखी गई थी। श्रावण के महीने को देखते हुए इसमें बढ़ोतरी की गई है। पहले सोमवार को बड़ी संख्या में दर्शनार्थी मंदिर पहुंचे और दर्शन व्यवस्था बेपटरी हो गई। बड़ी संख्या में दर्शनार्थियों के एक साथ मंदिर में प्रवेश करने से भगदड़ की स्थिति बन गई। कई श्रद्धालु गिर गए और हादसे का शिकार होते-होते बचे।
बाबा महाकाल की सवारी के कारण मंदिर समिति और प्रशासन ने दर्शन के समय में कटाैती कर दी। एन वक्त पर दर्शनार्थियों को सुबह 6 से 11 बजे तक दर्शन कराने का निर्णय लिया। श्रद्धालु सुबह पांच बजे से ही महाकाल के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचने लगे थे। सुबह 6 बजे तक प्रवेश के लिए निर्धारित चार नंबर गेट पर बड़ी संख्या में लोग जमा हो चुके थे। कर्मचारियों ने जैसे ही प्रवेश द्वार खोला, सैकड़ों लोगों की भीड़ एक साथ मंदिर में प्रवेश कर गई। गेट पर भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए लगाए गए बैरिकेड्स भी गिर गए। सुरक्षाकर्मी लोगों को संभाल पाते इससे पहले ही धक्का-मुक्की हो गई और कुछ श्रद्धालु भी गिर पड़े। जिससे यहां काफी देर तक अफरा-तफरी की स्थिति रही।
