भूकंप की बरसी : 28 साल पहले आज के ही दिन दहल गया था जबलपुर - Khabri Guru

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भूकंप की बरसी : 28 साल पहले आज के ही दिन दहल गया था जबलपुर



खबरी गुरु, जबलपुर। आज जबलपुरवासियों के लिए एक भावुक दिन है। ठीक 28 साल पहले, 22 मई 1997 की रात, जबलपुर और आसपास के क्षेत्रों में आए भूकंप ने सब कुछ हिला कर रख दिया था। रात 4 बजकर 22 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.0 मापी गई थी। इसका केंद्र बरेला के निकट कोशमघाट क्षेत्र में था, लेकिन आधे से ज्यादा जबलपुर प्रभावित हुआ।

इस त्रासदी में लगभग 40 लोगों की जान गई और 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। सैकड़ों मकान जमींदोज हो गए और हजारों लोग बेघर हो गए। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग नींद से घबराकर बाहर निकल आए। उस रात की दहशत आज भी कई लोगों के जेहन में ताजा है।

स्थानीय निवासियों की यादें

बरेला निवासी 68 वर्षीय रमेश श्रीवास्तव कहते हैं, "वो रात भूलना नामुमकिन है। घर की दीवारें हिल रही थीं, फर्श कांप रहा था। हमने सोचा कोई बड़ा धमाका हुआ है। जब बाहर निकले तो पूरा मोहल्ला सड़कों पर था।"

भविष्य के लिए सबक

इस भूकंप के बाद प्रशासन और आम नागरिकों में आपदा प्रबंधन को लेकर जागरूकता बढ़ी। इमारतों की संरचना को लेकर नए नियम बनाए गए और राहत व बचाव कार्यों को अधिक संगठित करने की दिशा में कई पहलें की गईं।

आज, इस भयावह हादसे की बरसी पर शहर में कई स्थानों पर श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की जा रही हैं। नगर निगम और आपदा प्रबंधन विभाग ने भी आपदा से निपटने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने की घोषणा की है।

यादें, सबक और संकल्प

जबलपुर भूकंप केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं था, बल्कि एक चेतावनी थी कि हम प्रकृति की शक्ति को नजरअंदाज नहीं कर सकते। इस दिन को याद करके हम ना केवल उन लोगों को श्रद्धांजलि देते हैं जो इस हादसे में खो गए, बल्कि भविष्य में ऐसे खतरों से बेहतर तरीके से निपटने का संकल्प भी लेते हैं।

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